नई दिल्ली, 1 फरवरी, (वीएनआई) केंद्र में सत्तारूढ़ बीजेपी की मोदी सरकार का आखिरी पूर्णकलिक बजट आज वित्तमंत्री अरुण जेटली संसद में पेश किया हैं।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने अपना आखिरी पूर्णकलिक बजट पेश करते हुए कहा कि मौजूदा समय में अर्थव्यवस्था मजबूत स्थिति में है. देश की अर्थव्यवस्था भ्रष्टाचार के दौर से बाहर निकल चुकी है. जीएसटी के सुधार से देश में कारोबार को नई रफ्तार मिली है. नोटबंदी से कालेधन पर लगाम लगा है. मौजूदा सरकार के कार्यकाल में आर्थिक सुधारों से अर्थव्यवस्था तेज रफ्तार के दौर में है.
बजट की प्रमुख बातें निम्न प्रकार हैं :
- शिक्षा और स्वास्थ्य अधिभार तीन से बढ़ाकर चार फीसदी की जाएगी।
- वेतनभोगी कर्मचारियों के लिए परिवहन और मेडिकल पुनर्भुगतान के बदले 40,000 रुपये की मानक कटौती का लाभ दिया जाएगा।
- सभी वरिष्ठ नागरिकों किसी भी स्वास्थ्य खर्च और स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम के लिए प्रति वर्ष 50,000 रुपये छूट के दावे कर सकते हैं।
- एक लाख रुपये से अधिक के दीर्घकालीन पूंजीगत लाभ पर 10 फीसदी कर।
- देशभर में इलेक्ट्रॉनिक आईटी मूल्यांकन शुरू होगा।
- वेतनभोगी वर्ग के लिए आयकर दरों में बदलाव नहीं।
- करदाताओं की संख्या में इजाफा।
- ईमानदार करदाताओं ने नोटबंदी को ईमानदारी के उत्सव के तौर पर मनाया।
- 250 करोड़ रुपये का कारोबार करने वाली कंपनियों पर 25 फीसदी कर लगेगा।
- सरकार ने कारोबार सुगम बनाने के लिए 372 विशेषीकृत कारोबार सुधारों को पहचाना।
- वित्त वर्ष 2017-18 के लिए संशोधित वित्तीय घाटा जीडीपी के 3.5 फीसदी रहने का अनुमान। 2018-19 के लिए वित्तीय घाटा 3.3 फीसदी।
- वित्त वर्ष 2017-18 में प्रत्यक्ष कर 12.6 फीसदी बढ़ा। 2017-18 में अप्रत्यक्ष कर 18.7 फीसदी बढ़ा।
- किसान उत्पादक कंपनियों के रूप में पंजीकृत 100 करोड़ रुपये या इससे अधिक का कारोबार करने वाली कंपनियों के शुरुआती पांच वर्षो में 100 फीसदी कर कटौती।
- राष्ट्रपति का संशोधित वेतन पांच लाख रुपये, उपराष्ट्रपति के लिए चार लाख रुपये, राज्यपालों के लिए 3.5 लाख रुपये। सांसदों के वेतन, भत्ते तय करने के नियम में हर पांच साल में बदलाव होगा।
- उड़ान योजना से 56 अनारक्षित हवाईअड्डों और 31 अनारक्षित हेलीपैड को जोड़ा जाएगा।
- वित्त वर्ष 2018-19 के लिए 80,000 करोड़ रुपये का विनिवेश लक्ष्य। वित्त वर्ष 2017-19 के लक्ष्य से आगे निकल गया है और यह एक लाख करोड़ रुपये तक पहुंच जाएगा।
- सरकारी बीमा कंपनियों का विनिवेश कार्यक्रमों के तहत एकल इकाई में विलय होगा और शेयर बाजार में सूचीबद्ध होंगी।
- वाणिज्य विभाग की ओर से तैयार नेशनल लॉजिस्टिक्स पोर्टल सभी हितधारकों से जुड़ेगा।
- सितंबर 2017 में बुलेट ट्रेन का शिलान्यास हो चुका है। हाईस्पीड रेल परियोजनाओं के लिए श्रमशक्ति को प्रशिक्षित करने हेतु एक संस्थान वड़ोदरा में खुल रहा है।
- इस संदर्भ में 12,000 वैगन, 5160 कोच और 700 लोकोमोटिव की खरीद की जा रही है।
- सड़क निर्माण नई ऊंचाइयों पर है। 2017-18 तक 9000 किलोमीटर राजमार्ग का निर्माण कार्य पूरा हो जाएगा।
- बजट में भारतीय रेल के लिए 2018-19 में 1,48,528 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।
- सभी रेलगाड़ियों को वाई-फाई, सीसीटीवी और अन्य अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस किया जाएगा।
- ग्रामीण क्षेत्रों में इंटरनेट सुलभ कराने के लिए पांच लाख वाई-फाई हॉटस्पॉट स्थापित किए जाएंगे।
- सरकार अवैध लेनदेन के लिए क्रिप्टोकरेंसी के इस्तेमाल पर रोक लगाने के लिए हरसंभव प्रयास करेगी।
- निजी उद्यमों को भी आईडी से जोड़ा जाएगा।
- सरकार की स्वच्छ भारत मिशन के तहत दो करोड़ अधिक शौचालयों के निर्माण की योजना है।
- वित्त वर्ष 2018-19 में कपड़ा क्षेत्र के लिए 7,148 करोड़ रुपये आवंटित।
- प्रत्येक तीन संसदीय क्षेत्रों में एक सरकारी मेडिकल कॉलेज खुलेगा।
- किसानों की मेहनत के बूते 27.5 करोड़ टन से अधिक खाद्यान्न की रिकॉर्ड पैदावार हुई। इसके साथ ही लगभग 30 करोड़ टन बागवानी उत्पादन हुआ।
- सिर्फ कारोबार करने में आसानी पर ही नहीं, बल्कि जीवनयापन को सुगम बनाने पर भी ध्यान केंद्रित।
- इस साल 70 लाख रोजगारों का सृजन हुआ। सरकार अगले तीन वर्षो में सभी क्षेत्रों में ईपीएफ के तौर पर के वेतन के 12 फीसदी का योगदान करेगी।
- स्वास्थ्य सुरक्षा को नए स्तर पर ले जाने का फैसला। देश के 10 करोड़ गरीब और वंचित परिवारों के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य सुरक्षा योजना शुरू। इससे लगभग 50 करोड़ लोगों को लाभ होगा।
- राष्ट्रीय स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के तहत मेडिकल भरपाई के लिए प्रतिवर्ष प्रति परिवार पांच लाख परिवारों को लाभ। यह विश्व की सबसे बड़ी स्वास्थ्य सुरक्षा योजना होगी।
- सरकार स्थाई रूप से सार्वभौमिक स्वास्थ्य सुरक्षा की ओर बढ़ रही है।
- दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण चिंता का विषय। हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश, दिल्ली में इस समस्या से निपटने के लिए विशेष योजनाएं शुरू की जाएंगी।
- अगले चार वर्षो में स्कूली बुनियादी ढांचे के जीर्णोद्धार की योजना के लिए एक लाख करोड़ रुपये आवंटित।
- अनुसूचित जाति एवं जनजाति के लिए एकलव्य स्कूल शुरू किए जाएंगे।
- साल 2022 तक 50 फीसदी एसटी आबादी वाले और 20,000 जनजातियों के लिए नवोदय विद्यालयों की तर्ज पर एकलव्य स्कूल खुलेंगे।
- शिक्षकों में गुणवत्ता में सुधार के लिए एकीकृत बीएएड कार्यक्रम शुरू होगा।
- देश आठ फीसदी से अधिक विकास दर हासिल करने के मार्ग पर अग्रसर है।
- साल 2019-10 में कृषि के लिए 11 लाख करोड़ रुपये का ऋण।
- उज्जवला योजना के तहत आठ करोड़ महिलाओं को निशुल्क गैस कनेक्शन, जबकि सौभाग्य योजना के तहत गरीबों को चार करोड़ बिजली कनेक्शन की सुविधा।
- मत्स्यपालन एवं पशुपालन क्षेत्र में बुनियादी ढांचे के विकास के लिए 10,000 करोड़ रुपये के कोष बनाए जाएंगे।
- ऑपरेशन ग्रीन के लिए 500 करोड़ रुपये का आवंटन।
- कृषि बाजारों के विकास के लिए 2000 करोड़ रुपये का कोष स्थापित होगा।
- 470 कृषि उत्पाद मंडी समितियों को ईनैम (राष्ट्रीय कृषि बाजार) नेटवर्क से जोड़ा गया है, बाकी को मार्च 2018 तक जोड़ दिया जाएगा।
- सभी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य को बढ़ाकर उत्पादन मूल्य का 1.5 गुना किया जाएगा।
- सरकार कारोबार करने में आसानी के बाद अब गरीबों और मध्य वर्ग के जीवन को सुगम बनाएगी।
- खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय के लिए आवंटन की राशि दोगुनी की जा रही है, विशेष रूप से कृषि प्रसंस्करण और वित्तीय संस्थानों को बढ़ावा दिया जाएगा।
- भारत अब 2500 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था है और यह जल्द ही आठ फीसदी की विकास दर हासिल करने के मार्ग पर अग्रसर है।
- कृषि, ग्रामीण अर्थव्यवस्था, स्वास्थ्य, अवसंरचना और वरिष्ठ नागरिकों पर ध्यान केंद्रित करेंगे।
- वित्त वर्ष 2017-18 की दूसरी छमाही में विकास दर 7.2 से 7.5 फीसदी रहने की उम्मीद।
- अधिक पारदर्शी तरीके से प्राकृतिक संसाधनों का आवंटन कर रहे हैं।
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार ने कई मूलभूत संरचनात्मक सुधार लागू किए हैं।
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