नई दिल्ली, 05 जुलाई, (वीएनआई) वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण लोकसभा में आज मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के पहले बजट भाषण में मोदी सरकार की उपलब्धियां गिनाते हुए कहा कि, सरकार के हर कार्यक्रम का केंद्र बिंदु गांव, गरीब और किसान है।
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि, जब देश महात्मा गांधी की 150वीं जयंती मनाने जा रहा है, तब उनके दर्शन को हमारी सरकार ने अपने केंद्र में रखा है। महात्मा गांधी ने कहा था कि असली भारत गांव में बसता है। हमारी सरकार की हर एक योजना और कार्यक्रम का केंद्र बिंदु गांव, गरीब और किसान है। अन्नदाता को ऊर्जादाता बनाने पर होगा काम। किसानों के उत्पाद से जुड़े कामों में प्राइवेट एंत्रप्रेन्योरपिश को बढ़ावा दिया जाएगा। वित्तमंत्री ने आगे कहा कि गांव के हर परिवार को बिजली कनेक्शन. 2022 तक गरीबों के लिए 1.95 करोड़ घर बनाये जाएंगे। पीएम आवास योजना के तहत देश के हर परिवार को घर मुहैया कराने का लक्ष्य है। अब हम 114 दिन में घर बनाकर दे रहे हैं। पहले 314 दिन में घर बनते थे। इलेक्ट्रिक कार खरीदने पर छूट सरकार देगी। उन्होंने कहा कि, उज्जवला योजना के तहत 7 करोड़ गैस कनेक्शन दिये गये हैं। सरकार 2022 तक भारत के हर गांव की महिला को उज्जवला योजना के तहत गैस मुहैया कराने के लिए प्रतिबद्ध है।
निर्मला सीतारण ने आगे कहा कि, अन्नदाता को हम ऊर्जादाता बनाएंगे। दलहन के उत्पादन में किसानों ने अच्छा काम किया है। उम्मीद है कि तिलहन के उत्पादन में भी देश बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि हर घर नल, हर घर जल का लक्ष्य मोदी सरकार का है जिसे 2024 तक पूरा किया जाएगा। 256 जिलों में जल शक्ति अभियान चलाए जा रहे हैं। वित्त मंत्री ने कहा कि 2 करोड़ गांव डिजीटल साक्षर बन चुके हैं। 2 अक्टूबर 2019 तक देश को खुले में शौच से मुक्ति मिल जाएगी। 45 हजार शौचालय गूगल मैप पर उपलब्ध है। 2014 से 9.6 लाख शौचालयों का निर्माण किया जा सका है और 5.6 लाख गांव खुले में शौच से मु्क्त हुए हैं। उन्होंने कहा कि गांवों को बाजार से जोड़ने वाली सड़कों को अपग्रेड किया जाएगा। इसके लिए प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना का तीसरा फेज शुरू होगा। 1,25,000 किलोमीटर के रोड नेटवर्क को प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत अपग्रेड किया जाएगा। इस पर 80,250 करोड़ रुपये की लागत आएगी। मोदी सरकार ने पिछले 1000 दिनों में 130 से 135 कि.मी. लंबी सड़कें रोज बनाईं। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत ग्रीन टेक्नॉलजी के इस्तेमाल से 30 हजार किलोमीटर लंबी सड़कें बनाई जा चुकी हैं।
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