श्रीनगर, 8 सितम्बर (वीएनआई)| जम्मू एवं कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने आज कहा कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को अलगाववादी नेताओं के रिहा कर देना चाहिए ताकि वे गृह मंत्री राजनाथ को बता सकें कि राज्य में उनके (राजनाथ) आगामी दौरे के दौरान वे क्या चाहते हैं।
अपने दिवंगत पिता व नेशनल कांफ्रेंस के संस्थापक शेख मुहम्मद अब्दुल्ला की पुण्यतिथि पर आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान फारूक अब्दुल्ला ने मीडिया से बातचीत में आरोप लगाया कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) द्वारा इस समय की जा रही जांच केवल कश्मीर में अशांति फैलाने के मकसद से की जा रही है। उन्होंने कहा, मैं इन छापों को जायज तभी मानूंगा, जब कुछ ठोस सबूत निकलकर सामने आए। अगर यह सिर्फ उन लोगों को डराने के लिए है, तो फिर मैं भारत सरकार को यह बताना पसंद करूंगा कि चाहे वे कितना ही अत्याचार कर लें, कश्मीर के लोग अपने आदर्शो को नहीं बेचेंगे।"
अब्दुल्ला ने कहा, "अलगाववादियों को जरूर रिहा किया जाना चाहिए, ताकि वे जो कुछ भी कहना चाहते हैं, गृह मंत्री को बता सकें। उन्होंने कहा कि 'एनआईए को पैसों के बल पर भारत सरकार द्वारा राज्य में नेशनल कांफ्रेंस को कमजोर करने के मामले की जांच करनी चाहिए।' उन्होंने आरोप लगाया कि वरिष्ठ पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या इसलिए कर दी गई क्योंकि उन्होंने इस बारे में लिखा था कि राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) कैसे देश को कमजोर कर रहा है। शेख अब्दुल्ला का आज ही के दिन (आठ सितंबर) 1982 को निधन हो गया था।
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