नई दिल्ली, 15 मार्च, (वीएनआई) जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 खत्म किये जाने के बाद से नजरबंद रहे फारुक अब्दुल्ला ने अपनी रिहाई के बाद कहा कि घाटी के हालात पर स्वतंत्र रूप से बातचीत के लिए फिलहाल माहौल नहीं।
फारुक अब्दुल्ला ने कहा कि पिछले वर्ष 5 अगस्त को प्रदेश में आर्टिकल 370 को हटा दिया गया, उसके बाद यहां के राजनीतिक मसलों पर स्वतंत्र रूप से बात होनी चाहिए जिससे कि यहां आए बदलाव का अंदाजा लगाया जा सके। हम अभी भी ऐसे माहौल में नही हैं जहां पर इस तरह के राजनीतिक मलों पर बातचीत हो सके। अब्दुल्ला ने कहा कि पिछले वर्ष अगस्त माह से बड़ी संख्या में जम्मू कश्मीर के बाहर की जेलों में यहां के लोग बंद हैं। यही नहीं फारुक अब्दुल्ला ने कहा कि सैकड़ों कश्मीरी लोगों की तुलना में बहुत ज्यादा सौभाग्यशाली हूं। मुझे घर में नजरबंद किया गया, मेरा परिवार मुझसे मिल सकता था। कल जब मैं अपने बेटे उमर से मिलने के लिए गया तो मुझे अपने घर से एक किलोमीटर दूर जाना पड़ा ताकि मैं उसे देख सकूं।
फारुक अब्दुल्ला ने कहा कि इससे पहले कि राजनीति हमारे बीच बंटवारा कराए, मैं सभी नेताों से अपील करता हूं कि वह एकजुट हो और जम्मू कश्मीर के तमाम लोग जो नजरबंद हैं बाहर के प्रदेश में उन्हें आजाद किया जाए। उन्होंने ने कहा कि हम चाहते हैं कि जल्द से जल्द जो लोग नजरबंद किए गए हैं उन्हें आजाद किया जाए। बाकी के लोगों को वापस जम्मू कश्मीर भेजा जाए। भारत सरकार से यह मानवीय आधार पर हमारी मांग है, मुझे उम्मीद है कि मेरी इस मांग को अन्य लोग भी समर्थन देंगे। गौरतलब है जम्मू कश्मीर में पिछले वर्ष अनुच्छेद 370 को खत्म किए जाने के बाद यहां तमाम नेताओं को नजरबंद कर दिया गया था। पूर्व मुख्यमंत्री फारुक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला, महबूबा मुफ्ती को नजरबंद कर दिया गया। वहीँ फारुक अब्दुल्ला आखिरकार बीते शुक्रवार को रिहा किया गया।
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