दिनाकरन की आर. के. नगर उपचुनाव में जीत

By Shobhna Jain | Posted on 24th Dec 2017 | राजनीति
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चेन्नई, 24 दिसम्बर (वीएनआई)| आल इंडिया अन्नाद्रमुक में हाशिए पर किए गए नेता टी.टी.वी. दिनाकरन ने आज आर.के.नगर विधानसभा सीट के लिए हुए उपचुनाव में जीत दर्ज की है। उन्होंने एआईएडीएमके उम्मीदवार ई. मधुसूदनन को 40,707 वोटों के अंतर से हराया। 

यहां से निर्दलीय के रूप में चुनाव लड़े दिनाकरन को 89,013 हजार वोट मिले, जबकि मधुसूदनन को 48,306 वोट मिले। डीएमके के एन. मरुधु गणेश महज 24,681 वोटों के साथ तीसरे स्थान पर रहे। दिनाकरन के समर्थकों ने मिठाइयां बांटकर, पटाखे जलाकर व ढोल-नगाड़ों के साथ जीत का जश्न मनाया।दिनाकरन शुरुआत से ही आगे चल रहे थे और मतगणना के आगे बढ़ने के साथ उनके व प्रतिद्वंद्वियों के बीच मतों का अंतर बढ़ता गया। इससे पहले दिन में संवाददाताओं से बातचीत में मदुरै हवाईअड्डे पर दिनाकरन ने कहा कि के.पलनीस्वामी की अगुवाई वाली सरकार तीन महीनों में गिर जाएगी। उन्होंने कहा कि आर.के.नगर के लोगों ने तमिलनाडु के लोगों की राय जाहिर की है। इस उपचुनाव में 2373 मतदाताओं ने 'इनमें से कोई नहीं (नोटा)' के विकल्प का इस्तेमाल किया। इससे भी कम वोट भाजपा के उम्मीदवार के.नागराजन को मिले। नागराजन को 1,417 वोट मिले। नाम तमिझार पार्टी के कालिकोटुध्याम को 3,860 वोट मिले। आर.के.नगर विधानसभा सीट पूर्व मुख्यमंत्री दिवगंत जे. जयललिता के पांच दिसम्बर, 2016 को निधन के बाद से रिक्त थी। इस सीट के लिए मतदान 21 दिसम्बर को हुआ, जिसमें करीब 1.77 लाख मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया।

दिनाकरन के 'प्रेशर कुकर' के मुकाबले एआईएडीएमके के 'दो पत्तियों' की हार पार्टी के संस्थापक और दिवंगत मुख्यमंत्री एम.जी. रामचंद्रन की 30वीं पुणयतिथि पर हुई है। अपनी जीत के बाद यहां पत्रकारों से दिनाकरन ने कहा कि वह निर्दलीय उम्मीदवार थे, लेकिन एआईएडीएमके के कार्यकर्ता उनके साथ थे। दिनाकरन और मधुसूदनन को छोड़कर शेष 57 उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई। वे कुल वोटों का एक छठा हिस्सा हासिल करने में विफल रहे।दिनाकरन 2001 के बाद पहले निर्दलीय विधायक है, जिन्होंने जीत हासिल की है। उनसे पहले राधापुरम सीट से एम. अप्पावु ने बतौर निर्दलीय उम्मीदवार जीत दर्ज की थी। इस पहले, चाची वी. के. शशिकाला को जेल हो जाने के बाद पार्टी के उपमहासचिव के रूप में दिनाकरन को हाशिए पर धकेल दिया गया था, जिसके बाद उन्होंने बतौर निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला किया। इस बीच कई पार्टियों के नेताओं ने दिनाकरन की जीत को पैसे की जीत करार दिया है। डीएमके नेता एम.के. स्टालिन ने एक बयान में कहा है कि उपचुनाव में पार्टी की हार वास्तव में चुनाव आयोग के लिए एक बहुत बड़ी हार है। उन्होंने दावा किया कि पुलिस यह सुनिश्चित करने में नाकाम रही कि चुनाव निष्पक्ष और स्वतंत्र तरीके से हो। उन्होंने कहा कि जब मतदान चल रहा था, तब भी मतदाताओं को रिश्वत देने पर चुनाव आयोग चुप रहा था।


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