नई दिल्ली, 18 जनवरी (वीएनआई)| कांग्रेस ने आज प्रधानमंत्री मोदी और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज पर डोकलाम में चीनी सैनिकों के कब्जे को लेकर राष्ट्र को गुमराह करने का आरोप लगाया। कांग्रेस ने कहा कि भारतीय सुरक्षा व रणनीतिक हितों से समझौता किया गया है।
कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने मीडिया से कहा, "उपग्रह चित्र व मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन ने भारतीय सीमा के निकट डोकलाम में सैन्य प्रतिष्ठान स्थापित किए हैं, जो संकेत देता है कि भारत की सुरक्षा व रणनीतिक हितो से समझौता किया गया है। सुरजेवाला ने कहा, उपग्रह के चित्रों से लगता है कि जब चीनी सैनिक डोकलाम में कब्जा कर रहे थे, तब सरकार सो रही थी। ऐसा लगता है कि चीन भारतीय सीमा के निकट डोकलाम जैसी स्थिति दोबारा बनाने की योजना बना रहा है। मोदी पर सिर्फ भाषणबाजी की कला में माहिर होने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा, प्रधानमंत्री को चुनावी भाषण की कला में महारत हासिल है, जबकि वह हमारी सीमाओं की सुरक्षा करने में वह बुरी तरह से विफल हुए हैं। उपग्रह के चित्रों को दिखाते हुए सुरजेवाला ने कहा कि चीन ने दो मंजिला वाच टॉवर, सात हेलीपैड व कई सैन्य प्रतिष्ठान का निर्माण डोकलाम में किया है। उन्होंने कहा, चीन ने पूरे डोकलाम पर कब्जा कर लिया है, हमारे देश की सरकार क्या कर रही है? क्या सरकार, प्रधानमंत्री और रक्षामंत्री को इन निर्माणों के बारे में पता है?
सुषमा स्वराज की आलोचना करते हुए सुरजेवाला ने कहा कि विदेश मंत्रालय ने उस समय एक बयान जारी किया था, जिसमें कहा गया कि दोनों देशों के सैनिक तेजी से पीछे हट रहे हैं। उन्होंने कहा, यहां तक कि सुषमा स्वराज जी ने यह संसद में कहा, और जब हमने विवरण के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि दोनों देशों के सैनिक अपनी चौकियों को लौट रहे हैं। इस बिंदु पर उस वक्त उनके बयान पर सवाल उठाने का कोई कारण नहीं था। उन्होंने कहा कि डोकलाम के तनाव को हल किए जाने के बाद चीन के विदेश मंत्री ने कहा था कि उसने सैनिकों को हटा लिया है, लेकिन वह इलाके में गश्त जारी रखेगा। कांग्रेस नेता ने सरकार से जानना चाहा कि डोकलाम तिराहे के मुद्दे पर भविष्य में निर्णय कैसे होगा, जब चीन ने पूरे डोकलाम पर कब्जा कर लिया है।सुरजेवाला ने कहा, "मोदी जी ने अक्टूबर में एक सार्वजनिक सभा में घोषणा की थी कि डोकलाम मुद्दा जीत की तरह है। हालांकि, मीडिया में जारी उपग्रह चित्रों से पता चलता है कि चीन ने वहां अपने सैन्य प्रतिष्ठान का निर्माण कर लिया है। भारत व चीन के जवान बीते साल तीन महीने से ज्यादा समय तक डोकलाम में आमने-सामने डटे रहे थे।
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