नई दिल्ली, 23 जून (वीएनआई)| पूर्व वित्तमंत्री पी. चिदंबरम ने आज बीजेपी नेता अरुण जेटली द्वारा कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर जेहादियों और नक्सलियों को सहानुभूति वाले आरोप को हास्यास्पद और बेतुका बताया। उन्होंने कहा कि पार्टी पूरी तरह से इन दोनों समूहों के खिलाफ है।
जेटली ने शुक्रवार को राहुल को निशाने पर लेते हुए ब्लॉग पोस्ट में कहा था कि जेहादी और नक्सली नागरिक अधिकारों और मानव अधिकार संगठनों के लिए खतरा बने हुए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि भले ही कांग्रेस इन ऐतिहासिक और वैचारिक रूप से इन समूहों के विरोध में रही है। लेकिन, फिर भी उन्होंने राहुल गांधी के दिल में सहानुभूति अर्जित की है। जेटली ने लिखा था, जेएनयू में और हैदराबाद में विद्रोही नारे लगाने वालों के साथ शामिल होने पर उन्हें कोई पछतावा नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि इस प्रारंभिक सफलता के साथ तथाकथित संघीय मोर्चे के अन्य लोग इन समूहों के खतरों को भारत और भारतीय लोकतंत्र में भूल गए हैं। जैटली ने अपने ब्लॉग में लिखा, आम आदमी पार्टी, तृणमूल कांग्रेस जैसे दलों का दुस्साहस ऐसा मालूम पड़ता है ये इन समूहों को सिर्फ राजनीतिक अवसर के तौर पर देखते हैं।
वरिष्ठ कांग्रेस नेता चिदंबरम ने जेटली पर पलटवार करते हुए कहा कि कांग्रेस के नेतृत्व में संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (सप्रंग) की सरकार जम्मू एवं कश्मीर में जेहादियों से लड़ी थी और हिंसा का स्तर काफी हद तक कम कर दिया था। चिदंबरम ने ट्वीट कर कहा, "यह आरोप लगाना कि जेहादियों और नक्सलियों को राहुल गांधी की सहानुभूति हासिल है, यह हास्यास्पद और बेतुका है। कांग्रेस दोनों समूहों का पूरी तरह से विरोध करती है। चिदंबरम ने कहा, "कौन भूल सकता है कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस ने नक्सली हिंसा में अपना पूरा नेतृत्व खो दिया था? सप्रंग के तहत, सरकार ने जम्मू-कश्मीर में जेहादियों से लड़ा और हिंसा का स्तर काफी हद तक कम कर दिया था।"
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