इंफाल, 20 मार्च (वीएनआई)। मणिपुर में पहली बार बनी भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार के मुख्यमंत्री बिरेन सिंह ने राज्य में आज विश्वास मत हासिल कर लिया। विधानसभा में हुए शक्ति परीक्षण में बिरेन सिंह सरकार ने ध्वनिमत के जरिये बहुमत साबित कर दिया। इससे पहले भाजपा के वाई. खेमचंद को विधानसभा अध्यक्ष चुना गया।
शक्ति परीक्षण राज्य विधानसभा के लिए हुए चुनाव के 11 दिनों बाद हुआ, जिसमें मतदाताओं ने ने किसी भी दल को बहुमत नहीं दिया था। राज्य की 60 सदस्यीय विधानसभा के लिए हुए चुनाव में कांग्रेस 28 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी, जबकि भाजपा 21 सीटों के साथ दूसरे स्थान पर रही। भाजपा त्रिशंकु विधानसभा की इस स्थिति का लाभ उठाने में कामयाब रही और उसने नागा पीपुल्स फ्रंट (एनपीएफ) तथा नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) के चार-चार विधायकों, एक निर्दलीय और लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) तथा तृणमूल कांग्रेस के एक-एक विधायकों के साथ मिलकर सरकार बनाई।
कांग्रेस को चुनाव बाद एक और झटका लगा, जब उसके निर्वाचित विधायक टी. श्यामकुमार बगावत कर बिरेन सिंह की सरकार में शामिल हो गए।विधानसभा अध्यक्ष खेमचंद का चयन भी ध्वनिमत से हुआ। उन्होंने कांग्रेस के गोविंददास कोंथुजाम को हराया। कांग्रेस नेता व राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री ओकराम इबोबी सिंह ने विधानसभा चुनाव में पार्टी की हार मानी, पर इस पर जोर दिया कि सबसे बड़ी पार्टी के रूप में सरकार बनाने का पहला मौका कांग्रेस को मिलना चाहिए था। हालांकि उनकी कोशिशें कामयाब नहीं हुईं। वहीं भाजपा सूत्रों के अनुसार, मंत्रियों के बीच विभागों का बंटवारा जल्द कर दिया जाएगा। मणिपुर के मुख्यमंत्री को मंत्रिमंडल में 12 मंत्रियों को शामिल करने की अनुमति है। उनके मंत्रिमंडल में पहले ही नौ मंत्री हैं।