नई दिल्ली, 8 सितम्बर (वीएनआई)| केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने पत्रकार और सामाजिक कार्यकर्ता गौरी लंकेश की हत्या के लिए कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा जांच शुरू होने से पहले ही आरएसएस व दक्षिणपंथी संगठनों को जिम्मेदार ठहराने की निंदा की है।
रविशंकर प्रसाद ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, जांच शुरू होने से पहले ही राहुल गांधी ने सार्वजनिक तौर पर दक्षिणपंथ व आरएसएस विचारधारा को जिम्मेदार ठहरा दिया। राहुल गांधी हमेशा बिना अपना होमवर्क किए ही बोलते हैं। इसलिए उन्होंने दोषी होने का फैसला सुना दिया। भाजपा कर्नाटक के मुख्यमंत्री से पूछना चाहती है कि राहुल गांधी की एकतरफा दुर्भावनापूर्ण टिप्पणी के बीच क्या हम एसआईटी द्वारा एक निष्पक्ष जांच की उम्मीद कर सकते हैं। भाजपा नेता ने कहा कि मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को साफ करना चाहिए कि क्या वह राहुल गांधी की टिप्पणी से सहमत हैं। प्रसाद ने कहा कि गौरी की हत्या राज्य में पहली इस तरह की हत्या नहीं है। उन्होंने सवाल उठाया कि तर्कवादी एम. एम. कलबुर्गी के हत्यारों को अब तक क्यों नहीं पकड़ा गया। उन्होंने कहा, कर्नाटक में यह पहली घटना नहीं है। अब तक कलबुर्गी के हत्यारों को क्यों नहीं पकड़ा गया। वहां किसकी सरकार है। राहुल गांधी हम से सवाल पूछते हैं। क्या उन्होंने कर्नाटक के मुख्यमंत्री से पूछा है कि अब तक हत्यारे क्यों नहीं पकड़े गए। उन्होंने कहा, "हम इस मामले पर कोई राजनीति नहीं चाहते। हम आशा करते है कि कांग्रेस सरकार निष्पक्ष जांच करेगी और हत्यारों को पकड़ेगी।
प्रसाद ने कहा कि बहुत सारी दुर्भावनापूर्ण व पूर्वाग्रह से ग्रस्त टिप्पणियां गौरी लंकेश की दुखद व अफसोसजनक मौत पर की जा रही है। हम इसकी निंदा करते हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि कर्नाटक व केरल में आरएसएस के कार्यकर्ताओं की हत्या पर उदारवादी और बौद्धिक लोग चुप्पी क्यों साधे हैं। प्रसाद ने कहा, आजकल लोग सोशल मीडिया पर अपनी राय देते हैं। तथाकथित उदारवादी व बौद्धिक लोग अपनी टिप्पणी दे रहे हैं। वह केरल में आरएएस कार्यकर्ता की हत्या पर चुप क्यों हैं। उन्होंने कहा, "जो लोग उदारवादी मूल्यों पर पाठ पढ़ाते हैं, मैं उनसे पूछता हूं क्या माकपा द्वारा आरएसएस कार्यकर्ताओं की हत्या किया जाना मानवाधिकार था। वे माओवादियों व नक्सलवादियों के अधिकारों के लिए आवाज उठाते हैं। जब आरएसएस व भाजपा कार्यकर्ता मारे जाते हैं तो मेरे उदारवादी दोस्त जो जोरदार तरीके से पत्रकारों या माओवादियों की हत्या पर बोलते हैं, वे चुप्पी साध लेते हैं।
प्रसाद ने कहा कि ढोंग व दोहरे मानकों को उजागर करने की जरूरत है। प्रसाद ने यह भी कहा कि यदि गौरी लंकेश माओवादियों को मुख्यधारा में लाने के लिए उनके साथ काम कर रही थीं, तो क्या कर्नाटक सरकार ने उन्हें उचित सुरक्षा दी थी। उन्होंने कहा, लंकेश के भाई ने कुछ सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि लंकेश नक्सलवादियों को समर्थन दे रही थी और उन्हें मुख्यधारा में लाने के लिए कोशिश कर रही थीं। इसने नक्सलवादियों को उत्तेजित किया। उन्होंने कहा, हमारा सवाल है कि क्या लंकेश यह राज्य के समर्थन से कर रही थीं। यदि हां तो उन्हें उचित सुरक्षा क्यों नहीं दी गई। यह गंभीर मुद्दा है। भाजपा जानना चाहती है।
No comments found. Be a first comment here!