लखनऊ, 5 दिसम्बर (वीएनआई)। भारतीय जनता पार्टी का कहना है कि कांग्रेस का श्रीराम मंदिर विरोधी चेहरा फिर बेनकाब हो गया है।
प्रदेश प्रवक्ता मनीष शुक्ला ने आज सर्वोच्च न्यायालय में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल के सुन्नी वक्फ बोर्ड के पक्ष में पैरवी करने पर कांग्रेस को आड़े हाथों लिया। शुक्ला ने कहा, करोड़ों हिंदू जनमानस की चाहत है कि रामजन्म भूमि पर भव्य राम मंदिर का निर्माण हो और इस पर सर्वोच्च न्यायालय का निर्णय जल्दी आए। लेकिन कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने सर्वोच्च न्यायालय में सुनवाई को टालने के लिए जिस तरह दलील रखी, उससे यह स्पष्ट हो गया कि कांग्रेस चाहती है कि रामजन्म भूमि का मसला लटका रहे।
प्रवक्ता ने कहा, यूपीए शासनकाल में एनसीईआरटी की पुस्तकों में यह लिखवाया गया कि राम व कृष्ण काल्पनिक पात्र हैं। रामसेतु मसले पर यूपीए शासनकाल में सर्वोच्च न्यायालय में राम के अस्तित्व में न होने का हलफनामा दिया गया। प्रभु राम को नकारने का काम कांग्रेस ने समय-समय पर किया है। गुजरात चुनाव में राहुल शिवभक्त हिंदू होने का पाखंड कर रहे हैं, लेकिन फिर भी तुष्टिकरण की नीति से कांग्रेस पीछे हटने को तैयार नहीं है। उन्होंने कहा, "कांग्रेस का झंडा लगाकर केरल में खुलेआम सड़कों पर गोकशी के पाप से कांग्रेस बच नहीं सकती है। कांग्रेस बहुसंख्यक समुदाय की भावनाओं को आहत करने से नहीं चूकती है। हिंदू आतंकवाद व भगवा आतंकवाद के शब्द भी कांग्रेस की ही देन है। भाजपा सबका साथ-सबका विकास के सिद्धांत पर चलकर तुष्टिकरण का पुरजोर विरोध करती है।
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