रामपुर, 27 दिसंबर, (वीएनआई) लोकसभा में तीन तलाक बिल पर आज होने वाली बहस पर समाजवादी नेता आजम खान ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा इससे मुसलमानों का कोई लेना-देना नहीं है। जो लोग मुसलमान हैं जो कुरान को मानते हैं, हदीस को मानते हैं, वह जानते हैं कि तलाक का पूरा प्रोसीजर कुरान में दिया हुआ है।
सपा नेता आजम खान ने कहा हमारे लिए कुरान के उस प्रोसीजर के अलावा कोई भी कानून मान्य नहीं है। जो कुरान कहता है अगर उसके तहत कोई तलाक नहीं देता खुला नहीं देता तो ना वो तलाक है, ना खुला है। लिहाजा यह बहस की बात नहीं है सिर्फ कुरान का कानून और कोई कानून नहीं हिंदुस्तान ही नहीं पूरी दुनिया के मुसलमानों को कोई कानून मान्य नहीं है सिर्फ कुरान है। वहीं लोकसभा में होने वाली बहस पर उन्होंने कहा कि पहले लोग उन औरतों को न्याय दें जिन्हें शौहरों ने एक्सेप्ट नहीं किया। जो सड़कों पर फिर रही हैं, शौहरों का घर ढूंढती फिर रही हैं, उन औरतों को तो न्याय दें जिन्हें गुजरात में मारा था। उन्हें न्याय दें, जिन्हें दंगों में मारा है। सखिया जाफरी को इंसाफ दें, क्या वह महिला नहीं है? वह मुस्लिम महिला इंसाफ पाने की मुस्तकीम नहीं है। मुसलमानों के पास पर्सनल लॉ है, ज्यादती मामला हैं, कैसे शादी करेगा, कैसे पूजा इबादत करेगा, कैसे तलाक देगा, सब कुरान में है। यह हमारे मजहबी मामलात हैं।
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