नई दिल्ली, 04 जुलाई, (वीएनआई)। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने आज दिल्ली के अधिकारों को लेकर सर्वोच्च न्यायलय द्वारा दिए गए फैसले को लोकतंत्र की बड़ी जीत बताया है। सर्वोच्च न्यायलय ने आज ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए कहा कि राज्य सरकार और केंद्र सरकार दोनों कोई भी अपने शक्ति का गलत प्रयोग नहीं कर सकता है।
सर्वोच्च न्यायलय ने आज अपना फैसला सुनाते हुए साफ शब्दों में कहा कि उप राज्यपाल के पास स्वतंत्र अधिकार नहीं हैं, असली ताकत चुनी हुई सरकार के पास है क्योंकि वो जनता के मतों से सत्ता में आई है। उप राज्यपाल को दिल्ली सरकार की कैबिनेट की सलाह से काम करना चाहिए। सर्वोच्च न्यायलय में दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए आदेश दिया कि उपराज्यपाल हर मामले पर असहमति नहीं जता सकते हैं और सभी मामलों में एलजी की सहमति जरूरी भी नहीं है। उपराज्यपाल को कैबिनेट की सलाह पर काम करना होगा। अगर वह किसी सलाह पर सहमत नहीं, तो फिर वह कारण बताते हुए इसे राष्ट्रपति के पास भेज सकते हैं लेकिन हर चीज के लिए राष्ट्रपति के लिए जरूरी नहीं है, हालांकि न्यायलय ने साफ किया कि दिल्ली में भूमि, पुलिस और लोक व्यवस्था का मामला एलजी के ही अधीन रहेगा। गौरतलब है कि, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली हाईकोर्ट के उस फैसले को चुनौती दी थी, जिसमें न्यायलय ने कहा था कि उपराज्यपाल ही दिल्ली के एडमिनिस्ट्रेटिव हेड हैं और कोई भी फैसला उनकी मंजूरी के बिना नहीं लिया जाए।
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