नई दिल्ली, 26 मई (वीएनआई)| केंद्र में राजग की सरकार के चार साल पूरे होने पर भाजपा नेता और वित्तमंत्री अरुण जेटली ने आज कहा कि वर्तमान सरकार के कार्यकाल में भारत का कायापलट हुआ है और वैश्विक आर्थिक परिदृश्य में अब यह पांच कमजोर अर्थव्यवस्थाओं में शुमार न होकर एक आकर्षक मुकाम पर पहुंच गया है।
दिल्ली के एम्स में गुर्दा प्रत्यारोपण के बाद स्वास्थ्य में सुधार होने पर जेटली को शुक्रवार को आईसीयू से बाहर निकाल दिया गया, जिसके बाद उन्होंने अपने फेसबुक पोस्ट के जरिए कहा, इसमें कहीं दो राय नहीं कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) के 10 साल के शासन के दौरान सबसे भ्रष्ट सरकार रही। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विधायी और संस्थागत परिवर्तनों के माध्यम से पारदर्शी व्यवस्था बनाई है, जिससे देश में घोटाला मुक्त शासन व्यवस्था कायम हुई है। जेटली ने कहा कि अर्थव्यवस्था को स्वच्छ बनाने के लिए भारत को अनमनीय कर व्यवस्था से एक नमनीय कर व्यवस्था में परिवर्तन की दरकार थी। जेटली के अस्पताल में भर्ती होने के दौरान रेलमंत्री पीयूष गोयल को वित्त मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है।
जेटली ने कहा, "वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को अमलीमाजा पहनाना, विमुद्रीकरण और प्रभावकारी ढंग से कर का अनुपालन ये सभी कालेधन के खिलाफ उठाए गए कदम हैं। ये ऐसे कदम हैं, जिनसे भारतीय अर्थव्यस्था में औपचारिक बदलाव आए हैं। ऋणशोधन व दिवाला संहिता से कर्जदाता- कर्जदार के बीच संबंध में पर्वितन आया है। अब ऋणदाता को कर्जदार के पीछे भागने की जरूरत नहीं है। अगर आप कर्ज नहीं चुका सकते हैं तो आपको एक वैधानिक प्रक्रिया के माध्यम से उससे बाहर निकलना होगा। संप्रग सरकार की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा, "संप्रग सरकार के दौरान भारत वैश्विक रडार से बाहर हो गया था। उसके शासन के शुरुआती दौर में वैश्विक अर्थव्यवस्था में जबरदस्त तेजी आई थी, जिसकी बदौलत भारत का विकास हुआ, क्योंकि अनुकूल माहौल था। जब वैश्विक परिस्थिति चुनौतीपूर्ण बन गई तो संप्रग सरकार के फैसले और प्रदर्शन विफल साबित हुए। उन्होंने बताया कि वित्त वर्ष 2012-13 में चालू खाता घाटा (सीएडी) में अभूतपूर्व 6.7 फीसदी की कमी आई। उन्होंने कहा कि राजग सरकार में सीएडी का घाटा लगातार सालाना दो फीसदी पर बना हुआ है।
जेटली ने कहा, "संप्रग के शासन काल में राजकोषीय घाटे की स्थिति चिंताजनक थी और यह काफी बढ़ गया था। सरकार ज्यादा खर्च कर रही थी, जबकि आमदनी कम थी। हम संप्रग सरकार के कार्यकाल के आखिरी तीन साल में राजकोषीय घाटा क्रमश: 5.8 फीसदी, 4.8 फीसदी और 4.4 फीसदी देख चुके हैं। बिगड़ी हुई व्यवस्था विरासत में मिलने के बावजूद राजग सरकार हर साल इसमें कमी लाते हुए 3.5 फीसदी तक ले आई है और इस साल कोशिश होगी कि राजकोषीय घाटा 3.3 फीसदी हो जाए। जेटली ने कहा, "संप्रग सरकार के आखिरी वर्षो में भारत में महंगाई दर नौ फीसदी रही, जबकि एक बार दोहरे अंक में भी महंगाई दर दर्ज की गई। राजग ने महंगाई पर लगाम लगाई, इसे ज्यादातर अवसरों पर तीन से चार फीसदी के लक्ष्य के अधीन रखा। राहुल गांधी पर सीधा निशाना साधते हुए जेटली ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष को याद होना चाहिए कि कर सरकार की जेब में नहीं जाता है, बल्कि यह लौटकर जनता के पास ही जाता है। उनके लिए बेहतर बुनियादी ढांचा तैयार करने और सामाजिक क्षेत्र को बेहतर बनाने और गरीबी कम करने के कार्यक्रमों को चलाने पर खर्च होता है।
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