नई दिल्ली, 2 फरवरी (वीएनईए)| दिल्ली में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी और विपक्षी दल भाजपा में दिल्ली के व्यापारियों को मौजूदा सीलिंग कार्रवाई से राहत दिलाने के उद्देश्य से दिल्ली मास्टर प्लान 2021 में किए गए बदलाव का श्रेय लेने की होड़ मच गई है।
मास्टर प्लान में बदलाव का निर्णय आज सुबह दिल्ली विकास प्राधिकरण की बैठक में उप राज्यपाल अनिल बैजल की अध्यक्षता में लिया गया। डीडीए केंद्र सरकार के दायरे में आता है। सर्वोच्च न्यायालय द्वारा गठित निगरानी समिति बिना कंवर्जन शुल्क दिए आवासीय संपत्ति का इस्तेमाल व्यवसायिक गतिविधि के लिए करने वाले व्यापारिक प्रतिष्ठानों के खिलाफ सीलिंग की कार्रवाई कर रही है। यह कार्रवाई राष्ट्रीय राजधानी में भाजपानीत तीनों नगर निगमों में हो रही है।
डीडीए सदस्य और आप विधायक सोमनाथ भारती ने बैठक के बाद पार्टी समर्थकों को संबोधित करते हुए कहा कि यह बदलाव मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के 'संघर्ष की वजह से हुआ है। आप के संघर्ष की वजह से ही व्यापारियों को राहत मिली है।' उधर, डीडीए सदस्य और भाजपा विधायक ओ.पी. शर्मा ने इस बदलाव को केंद सरकार द्वारा लिया गया 'ऐतिहासिक फैसला' बताया और आरोप लगाया कि केजरीवाल सीलिंग अभियान में व्यापारियों को गुमराह कर रहे थे। इस मुद्दे पर आप और भाजपा, एक-दूसरे के खिलाफ आरोप लगाती रहीं हैं।
मास्टर प्लान में प्रस्तावित बदलाव के तहत, व्यापारिक प्रतिष्ठान के फ्लोर एरिया रेशिओ (एफएआर) को बढ़ाया जाएगा, बेसमेंट में व्यापार करने की इजाजत दी जाएगी और कंवर्जन शुल्क को घटाया जाएगा। भाजपा विधायक व डीडीए के सदस्य विजेंद्र गुप्ता ने कहा, बोर्ड ने इन बदलावों को स्वीकृति दे दी है। इसे लोगों के समक्ष तीन दिनों के लिए लाया जाएगा और इसके बाद इस संबंध में एक बैठक होगी। इस संबंध में अगली बैठक के बाद मास्टर प्लान में किए गए संशोधन की अधिसूचना जारी की जाएगी।
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