भोपाल, 11 जून (वीएनआई) मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राज्य में शांति बहाली के लिए अपना अनिश्चितकालीन उपवास पीड़ित किसान परिवारो के आग्रह के बाद तोड़ दिया।वे २८ घंटे तक उपवास पर रहे
पूर्व मुख्यमंत्री कैलाश जोशी ने उन्हें नारियल-पानी पिलाकर उपवास तोड़वाया।
इससे पहले शिवराज ने कहा कि वह राज्य की जनता और किसानों के लिए जीएंगे और उन्हीं के लिए मरेंगे। उन्होंने कहा कि वह किसानों को किसी तरह की समस्या नहीं होने देंगे। उन्होंने कहा कि स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों में से कई सिफारिशें सरकार पहले ही लागू कर चुकी है। चौहान ने कहा, "कुछ असामाजकि तत्वों ने प्रदेश के माहौल को खराब कर हिंसा फैलाई है, जिन्हें बख्शा नहीं जाएगा। इस कृत्य में कांग्रेस से जुड़े लोग भी शामिल रहे हैं। हिंसा के दौरान जिन लोगों की संपत्ति का नुकसान हुआ है, उन्हें प्रदेश सरकार मदद देगी।"उन्होंने कहा कि एमएसपी से कम पर किसान से खरीदारी करना अपराध के समान है. इससे पहले, आज सुबह उनका मेडिकल चेकअप हुआ था. शिवराज शनिवार की सुबह 11 बजे से अनिश्चितकालीन उपवास पर बैठे थे. उपवास पर बैठने के बाद उन्होंने कहा था कि जब तक प्रदेश में हालात नहीं सुधरते तब तक उनका उपवास जारी रहेगा और वह केवल पानी पीएंगे.
उनसे उपवास तोड़ने से जुड़ी अपील आंदोलन में मारे गए किसानों के परिजनों ने की थी. शुक्रवार को मंदसौर में मारे गए 6 किसानों में से 4 किसानों के परिजनों ने उनसे मुलाकात की थी और उपवास ख़त्म करने को कहा. शनिवार को इन परिवारों को भी शिवराज ने कहा कि सूबे में शांति होते ही वे उपवास ख़त्म कर देंगे.
शिवराज ने कहा कि यह उपवास उन्होंने प्रदेश में शांति के लिए किया है और जब तब हिंसा खत्म नहीं हो जाती और पूरे प्रदेश में शांति नहीं हो जाती, वो उपवास नहीं तोड़ेंगे.
बता दें कि राज्य में 6 जून को मंदसौर जिले में किसान आंदोलन के दौरान प्रदर्शनकारियों पर पुलिस द्वारा की गई फायरिंग में पांच किसानों की मौत हो गई थी और छह अन्य किसान घायल हो गये थे. इसके बाद किसान भड़क गये और किसान आंदोलन समूचे मध्यप्रदेश में फैल गया था तथा और हिंसक हो गया था. अपनी उपज का सही मूल्य दिलाये जाने और कर्ज माफी समेत 20 सूत्रीय मांगों को लेकर किसानों ने यह आंदोलन किया.