लोक सभा मे आय कर संशोधन विधेयक के बिना चर्चा के आनन फानन पारित किये जाने पर सोलह विपक्षी दलो ने राष्ट्रपति से मुलाकात कर जताया विरोध

By Shobhna Jain | Posted on 1st Dec 2016 | राजनीति
altimg
नयी दिल्ली,१ दिसंबर (वी एन आई) कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी की अगुआई में आज शाम 16 विपक्षी पार्टी के प्रतिनिधियो ने आज राष्ट्रपति से मुलाकात कर आयकर संसोधन विधेयक लोक सभा मे बिल पर बगैर चर्चा के पास होने का विरोध कियाऔर उन्हे इस बारे मे एक ज्ञापन दिया.जिसमे उनसे ऐसे हालात मे दखल करने का आग्रह किया. राष्ट्रपति से मुलाकात के बाद राहुल गांधी ने मीडिया से बात करते हुए राहुल गांधी ने कहा, लोक सभा मे यह विधेयक जिस तरह से पारित हुआ,हम यहां उसे ले कर अपनी शिकायत दर्ज कराने आये थे.उन्होने कहा कि सरकार मनमानी कर रही है. लोगों की आवाज को दबाया जा रहा है. इस तरह बगैर चर्चा के बिल पास करना लोकतंत्र का गला घोंटना है. सरकार की गलत नीतियों के कारण आम लोगों को परेशानी हो रही है. लोकसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने नियम 56 के तहत चर्चा की मांग की. उन्होंने कहा, आयकर संसोधन बिल पर विस्तार से चर्चा करनी चाहिए. सदन गलत तरीके से चल रहा है. किसी एक सदन की अनदेखी नहीं की जा सकती है.इस प्रतिनिधिमंडल मे शामिल तृण मूल कॉग्रेस के सुदिप्तो मुखोपाध्याय ने बाद मे संवाददाताओ से कहा कि विपक्ष को मिल कर इन मुद्दो को उठाया जाना चाहिये इससे पूर्व राज्यसभा में आज कुछ विपक्षी सदस्यों ने आरोप लगाया कि उच्च सदन में बहुमत नहीं होने के कारण सरकार यहां की अनदेखी कर रही है और अक्सर विधेयकों को पारित कराने के लिए उन्हें धन विधेयक का रुप दे देती है. इसके साथ ही उन्होंने मांग की कि ऐसे मामलों पर गौर करने के लिए एक सर्वदलीय समिति गठित की जानी चाहिए. शून्यकाल में सपा के नरेश अग्रवाल ने आरोप लगाया कि यहां बहुमत नहीं होने के कारण सरकार उच्च सदन की उपेक्षा कर रही है. उन्होंने कहा कि पिछले दिनों सरकार लोकसभा में एक विधेयक लायी और वह विधेयक धन विधेयक के रुप में लाया गया. उन्होंने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 110 में धन विधेयक के बारे में व्याख्या दी गई है. उन्होंने कहा कि धन विधेयक में लोकसभा अध्यक्ष का निर्णय अंतिम होता है. अग्रवाल ने कहा कि लेकिन नियमों में यह रोक नहीं है कि सदन इस पर चर्चा नहीं करे या उसमें संशोधन नहीं लाए। उन्होंने कहा कि वह प्रस्ताव करते हैं कि इस संबंध में गौर करने के लिए एक सर्वदलीय समिति बनायी जाए. इस पर उपसभापति पी जे कुरियन ने कहा कि प्रस्ताव लाने के लिए उन्हें पहले आसन से अनुमति लेनी होगी. उन्होंने कहा कि वह प्रस्ताव को अनुमति नहीं दे रहे हैं क्योंकि प्रस्ताव के लिए एक स्थापित प्रक्रिया है. सूचना एवं प्रसारण मंत्री एम वेंकैया नायडू ने कहा कि इस संबंध में स्पष्ट नियम और प्रावधान हैं और लोकसभा से विधेयक के पारित होने के बाद सदन में उस पर चर्चा हो सकती है तथा संशोधन लाए जा सकते हैं. सपा के ही नेता रामगोपाल यादव ने भी सदन की समिति बनाए जाने का समर्थन किया और कहा कि लोगों में यह सोच बन रही है कि राज्यसभा को जानबूझकर वंचित किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि इस विषय पर विचार के लिए एक सर्वदलीय समिति बने और सरकार उसकी रिपोर्ट पर विचार करे. सत्तापक्ष एवं विपक्ष की टोकाटाकी के बीच कांग्रेस के जयराम रमेश ने भी आरोप लगाया कि धन विधेयक के जरिए राज्यसभा की अनदेखी की जा रही है. कुरियन ने कहा संविधान में धन विधेयक के बारे में स्पष्ट व्याख्या की गई है और यह भी बताया गया है कि इस बारे में कौन तय करेगा। इसके लिए एक स्थापित प्रक्रिया है.वी एन आई

Leave a Comment:
Name*
Email*
City*
Comment*
Captcha*     8 + 4 =

No comments found. Be a first comment here!

ताजा खबरें

Connect with Social

प्रचलित खबरें

© 2020 VNI News. All Rights Reserved. Designed & Developed by protocom india