बेटे पर मुलायम पड़े मुलायम तो फसाद की असली जड़ परोक्ष रूप से राम गोपल को बताया-पार्टी के चुनाव चिन्ह के दावे को ले कर पहुंचे चुनाव आयोग

By Shobhna Jain | Posted on 9th Jan 2017 | राजनीति
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नई दिल्ली/ लखनऊ,९ जनवरी(वी एन आई) चुनाव आयोग से सपा के 'साइकिल' सिंबल पर अपनी दावेदारी पेश करने आज मुलायम सिंह यादव चुनाव आयोग पहुचे.लेकिन वहा से निकलते ही उन्होने कहा कि एक ही आदमी पार्टी में मतभेद करा रहा है. उन्‍होंने कहा कि पिता-पुत्र (मुलायम-अखिलेश) में ज्‍यादा मतभेद नहीं है. उस आदमी ने हमारे ही लड़के को बहका दिया है. माना जा रहा है कि उनका इशारा रामगोपाल यादव की तरफ था. वैसे इससे पहले लखनऊ में मुलायम ने सुलह के सवाल पर कहा कि जब विवाद ही नहीं तो समझौता कैसा. सुबह मुलायम सिंह यादव लखनऊ में सपा के दफ़्तर पहुंचे, जहां वो राष्ट्रीय अध्यक्ष के कमरे में बैठे थे. इससे पहले मुलायम सिंह यादव आज चुनाव आयोग पहुंचे जहां उन्होंने चुनाव चिह्न साइकिल के लिए अपने दावे के दस्तावेज पेश किए.इसके पहले अखिलेश गुट की ओर से शनिवार को करीब 90 फीसदी विधायकों, सांसदों और प्रतिनिधियों के समर्थन का एफिडेविट 6 बक्सों में चुनाव आयोग को सौंप जा चुका हैं. रामगोपाल यादव ने भी आज चुनाव आयोग से मुलाकात की. उन्होंने कहा-हमने दस्तावेज से पहले ही दे दिए थे लेकिन आज हम चुनाव आयोग से निवेदन करने आए थे कि साइकिल चुनाव चिह्न को लेकर निर्णय जल्दी लें, क्योंकि 17 तारीख से नॉमिनेशन शुरू हैं. चुनाव आयोग ने कहा है कि हम इस पर विचार करेंगे. इसी बीच पार्ती के दोनो धड़ो मे सुलह कराने के प्रयासो मे लगे आजम खान ने आज कहा कि पार्टी में अभी धुंध है, लेकिन अंधेरा नहीं है, हो सकता है कोई रास्ता निकलेअब गेंद चुनाव आयोग के पाले में है. वह जो तय करेगा, मानेंगे. मैंने हमेशा पुल का काम किया है. आयोग ने दोनों गुटों को अपने दावों के समर्थन में दस्तावेज़ पेश करने के लिए आज तक का समय दिया है. वहीं रविवार को मुलायम सिंह ने बेटे अखिलेश यादव से किसी तरह की समझौते की अटकलों को खारिज करते हुए फिर हुंकार भरी. उन्होंने जोर देकर कहा कि वह अब भी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं और अखिलेश यादव सिर्फ यूपी के सीएम हैं. साथ ही शिवपाल यादव को अब भी पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष बताया. मुलायम ने अपने चचेरे भाई रामगोपाल यादव द्वारा 1 जनवरी को बुलाए गए पार्टी के राष्ट्रीय अधिवेशन को अवैध करार देते हुए कहा कि रामगोपाल तो 30 दिसंबर को ही पार्टी से निष्कासित कर दिया गया था. इसलिए रामगोपाल को पार्टी का राष्ट्रीय अधिवेशन बुलाने का अधिकार नहीं था. इस बीच समाजवादी पार्टी की नेता जूही सिंह ने अमर सिंह पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा है कि अमर सिंह ने बिना दस्तावेज़ देखे हलफ़नामे में किए गए दस्तख़तों को ग़लत बताया है, जो ठीक नहीं है. दरअसल, अमर सिंह ने कल अखिलेश गुट की ओर से चुनाव आयोग में जमा किए गए हलफ़नामों में किए गए दस्तख़तों को ग़लत और फ़र्ज़ी बताया था. इस बीच रामगोपाल यादव ने सपा के दोनों खेमों के बीच किसी सुलह की संभावना से इनकार किया है और कहा कि चार-छह लोगों ने नेताजी को गुमराह किया कि उन्हें 200 विधायकों का समर्थन हासिल है. उनके रुख का अब पर्दाफाश हो गया है. इससे पहले लखनऊ में मुलायम ने सुलह के सवाल पर कहा कि जब विवाद ही नहीं तो समझौता कैसा. सुबह मुलायम सिंह यादव लखनऊ में सपा के दफ़्तर पहुंचे, जहां वो राष्ट्रीय अध्यक्ष के कमरे में बैठे थे. 1 सूत्रों के मुताबिक, आयोग को 17 जनवरी से पहले तय करना होगा कि सपा में किसके पास बहुमत है. 17 जनवरी को विधानसभा चुनाव के पहले चरण की अधिसूचना लागू होनी है. पहले चरण के लिए चुनाव दो फरवरी को होंगे. अधिसूचना के साथ ही, नामांकन दाखिल करने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. मुलायम और अखिलेश के गुट एक समय पर एक ही चुनाव चिह्न यानी साइकिल के साथ चुनाव नहीं लड़ सकते हैं इसलिए चुनाव आयोग को उस तारीख से पहले ही इस मुद्दे पर फैसला लेना होगा. एक सूत्र ने कहा, "इन दिनों में घटनाक्रम तेजी से बदलेगा.

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