श्रीनगर,१५ अप्रैल (वीएनआई) जम्मू-कश्मीर की श्रीनगर लोकसभा उपचुनाव में नेशनल कांफ्रेंस के नेता फारूख अब्दुल्ला जीत गये है. उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी पीडीपी के नज़ीर अहमद को हराया. पिछले लोकसभा चुनाव में यह सीट पीडीपी नेता तारिक हमीद कर्रा ने जीती थी लेकिन राज्य में पीडीपी-बीजेपी सरकार के सत्तारूढ़ होने के ्कुछ समय बाद उन्होंने पीडीपी की नीतियों से नाराज होकर इस्तीफा दे दिया था. इस कारण रिक्त हुई सीट पर यहां चुनाव हुए थे.श्रीनगर लोकसभा उपचुनाव नौ अप्रैल को हुए थे जिसमें सबसे कम 7.13 प्रतिशत मतदान हुआ था. मतदान के दिन हिंसा हुई थी जिसमें आठ व्यक्तियों की मौत हो गई थी और सैकड़ों अन्य जख्मी हो गए थे. घायलों में सुरक्षा कर्मी शामिल थे, जो पथराव कर रहे प्रदर्शनकारियों के साथ संघर्ष में जख्मी हुए थे. इसके बाद कई जगहों पर दोबारा बुधवार को पुनर्मतदान कराने का फैसला किया गया. बुधवार को हुए पुनर्मतदान में सिर्फ 2.02 फीसदी वोटिंग हुई. कश्मीर में यह अब तक का सबसे कम मतदान है. हलांकि, मतदान केंद्रों पर हिंसा की कोई बड़ी वारदात नहीं हुई. बडगाम जिले के चादूरा, चरार-ए-शरीफ, खानसाहिब और बीरवाह तहसील के 38 मतदान केंद्रों पर दोबारा मतदान के आदेश दिए गए थे,
रविवार को हुए चुनाव के दौरान हिंसा से मतदान ठीक से नहीं पाया था जम्मू-कश्मीर के हालिया हालात की वजह से भी इस वक्त इस सीट पर सबकी निगाहें थीं. इस सीट पर अब्दुल्ला समेत नौ प्रत्याशी मैदान में थे.
उल्लेखनीय है कि सन 2014 के लोकसभा चुनाव में अब्दुल्ला पहली बार हारे थे. राज्य की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के लिए भी उनकी लोकप्रियता के लिहाज से यह चुनाव अहम माना जा रहा था.
उल्लेखनीय है कि पिछले वर्ष आतंकी बुरहान वानी के मारे जाने के बाद हुए विरोध प्रदर्शनों के बाद पीडीपी नेता तारिक हमीद कर्रा ने लोकसभा सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था, जिसके कारण यह सीट रिक्त हो गई थी.
9 अप्रैल को श्रीनगर उपचुनाव में हुई भारी हिंसा और बेहद कम मतदान को देखते हुए चुनाव आयोग ने जम्मू कश्मीर के अनंतनाग में 12 अप्रैल को होने वाले उपचुनाव स्थगित कर दिया. अब ये चुनाव 25 मई को होंगे. आयोग की ओर से जारी नोटिस में संबंधित अधिकारियों के हवाले से कहा गया है कि 12 अप्रैल को अनंतनाग संसदीय सीट पर उप-चुनाव के तहत होने वाले मतदान को कुछ समय के लिए स्थगित कर दिया गया है.
अनंतनाग से पीडीपी के उम्मीदवार एवं मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के भाई तसादुक मुफ्ती ने कहा कि घाटी में परिस्थितियां मतदान के माकूल नहीं हैं. महबूबा मुफ्ती के चार जुलाई, 2016 को मुख्यमंत्री बनने के बाद लोकसभा सदस्यता से इस्तीफे देने के चलते अनंतनाग संसदीय सीट रिक्त हुई है.