कोलकाता, 21 मई । तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी ने पूर्व राज्य कांग्रेस प्रमुख मानस भुनिया व पहाड़ी क्षेत्र से पूर्व विधायक शांता छेत्री को आगामी राज्यसभा चुनावों के लिए तृणमूल उम्मीदवार के रूप में नामांकित किया है। भुनिया बीते साल कांग्रेस से तृणमूल कांग्रेस में शामिल हुए थे।
ममता बनर्जी द्वारा पांच राज्यसभा प्रत्याशियों के लिए जारी की गई सूची में डेरेक ओ'ब्रायन, सुखेंदु शेखर राय व डोला सेन के नाम भी हैं। यह सभी वर्तमान में भी राज्यसभा सदस्य हैं।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री व पार्टी प्रमुख ममता बनर्जी ने एक फेसबुक पोस्ट में कहा, "राज्यसभा के आगामी चुनाव में डेरेक ओ'ब्रायन, सुखेंदु शेखर रॉय, डोला सेन, मानस भुनिया व शांता छेत्री तृणमूल कांग्रेस उम्मीदवार हैं।"
पश्चिम बंगाल कांग्रेस इकाई के पूर्व प्रमुख भुनिया बीते साल सितंबर में तृणमूल कांग्रेस में शामिल हुए थे। वह अभी भी आधिकारिक तौर पर कांग्रेस के पश्चिमी मिदनापुर जिले के साबोंग से विधायक हैं।
कांग्रेस द्वारा न्यायपालिका में जाने और विधानसभा अध्यक्ष के समक्ष दल-बदल विरोधी अधिनियम के तहत भुनिया की सदस्या खत्म करने की मांग से वरिष्ठ नेता असहज स्थिति में है।
इससे पहले बनर्जी ने भुनिया से वादा किया था कि वह उनकी वरिष्ठता और कद को ध्यान में रखते हुए पार्टी में समायोजित करेंगी।
इसके अलावा ममता बनर्जी ने सदन के गणित को ध्यान में रखकर भी शायद भुनिया को चुनने का फैसला किया हो।
294 सदस्यों वाली पश्चिम बंगाल विधानसभा में तृणमूल के 211 सदस्य हैं। ऐसे में वह खाली हुई छह सीटों में से पांच को जीतने की स्थिति में है।
राज्य से ऊपरी सदन के लिए चुने जाने के लिए एक उम्मीदवार को 42 प्राथमिक मतों की जरूरत है।
कांग्रेस व वाम मोर्चा के पास क्रमश: 44 व 32 सीटें हैं। यदि वह एक संयुक्त उम्मीदवार खड़ा करते हैं तो छठी सीट आसानी से जीत सकते हैं। इससे पहले के चुनाव में दोनों सहयोगी रह चुके हैं।
बनर्जी ने पहले से ही कांग्रेस को वाम मोर्चा से समझौता नहीं करने का प्रस्ताव दिया है। इसके बजाय उन्होंने कांग्रेस के एक ऐसे उम्मीदवार को समर्थन देने का वादा किया है जो तृणमूल को स्वीकार्य हो।
उम्मीदवारों की घोषणा के बाद बनर्जी ने कहा कि उन्हें अभी छठे उम्मीदवार का फैसला करना है।
उन्होंने कहा, "हम बाद में तय करेंगे कि एक और उम्मीदवार खड़ा किया जाए या नहीं।"
उन्होंने प्रत्यक्ष तौर पर कांग्रेस के साथ बातचीत के संकेत दिया।
शांता छेत्री तीन बार गोरखा नेशनल लिबरेशन फ्रंट (जीएनएलएफ) से उत्तर बंगाल के पहाड़ी इलाके कुर्सियांग से विधायक रही हैं। बीते साल वह इसी निर्वाचन क्षेत्र से तृणमूल के टिकट पर विधानसभा चुनाव हार गई थीं।
छेत्री के नामांकन को ममता बनर्जी द्वारा पहाड़ी क्षेत्र के लिए राजनीतिक संदेश के तौर पर देखा जा रहा है। कुछ दिनों पहले अधिसूचित क्षेत्र मिरिक में तृणमूल की नगर निगम में जीत हुई है, साथ ही दार्जिलिंग, कलिम्पोंग व कुर्सीओंग में भी सीटें मिली हैं।
ममता बनर्जी ने कहा, "मैं बहुत खुश हूं। मैंने पहाड़ी क्षेत्र का दोहन होते हुए देखा है, लेकिन किसी ने पहाड़ी क्षेत्र को बदले में कुछ नहीं दिया। मैं खुश हूं कि मैं पहाड़ी क्षेत्र को कुछ दे सकी।"आईएएनएस