चेन्नई, 18 अप्रैल (वीएनआई)| तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री ओ.पन्नीरसेल्वम ने आज एआईएडीएमके में किसी भी तरह की सुलह की बात को खारिज करते हुए कहा कि यह तब तक संभव नहीं है, जब तक वी.के.शशिकला तथा उनके परिवार को पार्टी से बाहर नहीं कर दिया जाता।
थेनी जिले के पेरीकुलम में पन्नीरसेल्वम ने कहा कि सुलह को लेकर तब तक कोई बातचीत संभव नहीं है, जब तक शशिकला तथा उनके परिवार के सदस्य पार्टी में हैं। उन्होंने कहा, "हमारा रुख यही है कि शशिकला तथा उनके परिवार के सदस्य को पार्टी में नहीं होना चाहिए। पन्नीरसेल्वम ने कहा कि एआईएडीएमके के संस्थापक दिवंगत एम.जी.रामचंद्रन (एमजीआर) तथा दिवंगत जयललिता इस बात के खिलाफ थे कि पार्टी पर किसी परिवार का नियंत्रण हो। उन्होंने कहा कि उनके इस मौलिक रुख में कोई परिवर्तन नहीं आया है, जिसके मुताबिक पार्टी तथा सरकार किसी परिवार के नियंत्रण में नहीं होनी चाहिए। उनके मुताबिक, एमजीआर ने जब एआईएडीएमके का गठन किया तो उन्होंने अपने भाई को पार्टी के कामकाज में कभी शामिल नहीं किया और 1987 में अपनी मौत तक तमिलनाडु में शासन किया।
पन्नीरसेल्वम ने कहा कि जयललिता ने केवल शशिकला को पार्टी में शामिल किया था, उनके परिवार के किसी सदस्य को नहीं। उन्होंने यह भी कहा कि जयललिता की मौत पर संदेह भी दूर होना चाहिए। यह पूछे जाने पर कि अगर एआईएडीएमके एक होती है, तो क्या वह के.पलनीस्वामी को मुख्यमंत्री की कुर्सी पर रहने देने को मंजूरी देंगे, पन्नीरसेल्वम ने कहा कि उन बातों पर चर्चा का कोई मतलब नहीं, जो कभी नहीं होने वाली। जयललिता के निधन के बाद एआईएडीएमके दो धड़ों में बंट गई थी। एक धड़े का नेतृत्व शशिकला तो दूसरे का नेतृत्व पन्नीरसेल्वम कर रहे हैं। इस बीच, शशिकला गुट के विधायक वेतरिवेल ने सवाल किया कि पार्टी के उप महासचिव टी.टी.वी.दिनाकरण की सहमति के बगैर मंत्रियों का कोई समूह पार्टी के दोनों धड़ों को एक होने को लेकर चर्चा कैसे कर सकता है।
उल्लेखनीय है कि सोमवार रात कई मंत्रियों ने पन्नीरसेल्वम के साथ सुलह पर विचार-विमर्श किया था। वेतरिवेल ने चेन्नई में संवाददाताओं से कहा कि मंत्रियों की बैठक 'अनौपचारिक' थी और पार्टी के कार्यालय में होने वाली बैठक ही 'आधिकारिक' होती है। एआईएडीएमके के दोनों गुटों के बीच विवाद के कारण पार्टी के चुनाव चिन्ह को निर्वाचन आयोग ने जब्त कर लिया था। इसे पाने के लिए आयोग को रिश्वत देने के प्रयास को लेकर दिल्ली पुलिस ने दिनाकरण के खिलाफ एक मामला दर्ज किया है और उनके एक सहयोगी को भारी रकम के साथ गिरफ्तार किया है।