पटना 20 फरवरी (वीएनआई)एक हैरानी भरा फैसला लेते हुए बिहार के 23 वे मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने राज्यपाल केसरीनाथ त्रिपाठी को अपना इस्तीफ़ा सौंप दिया जबकि बिहार विधानसभा में विश्वास प्रस्ताव का सामना करने से की पूरी तैयारी हो चुकी ्थी इस वक्त मांझी प्रेस कॉन्फरेंस कर रहे हैं मांझी ने आरोप लगाया कि उनके समर्थक विधायकों को जान से मारने की धमकी तक दी गई। उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी पर भी पक्षपात का आरोप लगाया।
मांझी ने एक संवददाता सम्मेलन में कहा कि उन्होंने सुबह करीब 10.30 बजे राजभवन में राज्यपाल केसरीनाथ त्रिपाठी से मुलाकात कर अपना इस्तीफा दे दिया। उन्होंने हालांकि अब भी अपने पास 140 विधायकों का समर्थन होने का दावा किया। लेकिन बकौल मांझी उन्होंने विधानसभा में पैदा हुए खराब हालात, समर्थकों को जान से मारने की धमकी, विधानसभा अध्यक्ष के पक्षपातपूर्ण रवैये के कारण इस्तीफा देने का निर्णय लिया।
विधानसभा में मांझी आज ही विश्वास प्रस्ताव पेश करने वाले थे. राज्यपाल को सौंपे अपने त्यागपत्र में मांझी ने विधानसभा भंग करने की सिफ़ारिश की है.
मांझी के इस्तीफे के बाद जेडीयू कार्यालय में जश्न का माहौल है और नीतीश कुमार राज्यपाल के मिलने पहुंचे हैं। मांझी के इस्तीफ़े की ख़बर आने के बाद नीतीश कुमार ने संवाददाताओं से कहा, \'\'यह काम बहुत पहले हो जाना चाहिए था. सरकार बनाने के लिए जोड़-तोड़ की पूरी कोशिश की गई. इसमें सफलता नहीं मिलने पर मुख्यमंत्री ने इस्तीफ़ा देने का फ़ैसला किया. भाजपा का गेम प्लान एक्सपोज़ हो गया.\'
गत वर्ष लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद जनता दल यूनाइटेड के नेता नीतीश कुमार ने हार की नैतिक ज़िम्मेदारी लेते हुए मुख्यमंत्री पद से इस्तीफ़ा दे दिया था. इसके बाद उनकी सरकार में वरिष्ठ मंत्री रहे ४४ वर्षीय जीतन राम मांझी को मुख्यमंत्री बनाया गया था.
लेकिन कुछ दिनों पहले जनता दल यूनाइटेड ने पार्टी ्मांझी कीविरोधी गतिविधियों का हवाला देते हुए मांझी को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निष्कासित कर दिया था.
इसके बाद से ही राज्य में सरकार बनाने और बचाने की लड़ाई सड़क से लेकर अदालत तक चल रही थी.