वाराणसी 19 जनवरी(अनुपमा जैन/वीएनआई) एक चर्च ऐसा भी है जहा अंग्रेजी की बजाय भोजपुरी में ईसा मसीह की वंदना की जाती है यानी दुनिया का एकमात्र 'भोजपुरी चर्च ' और यहाँ आने वाले श्रद्धालुओं का कहना है कि परमेश्वर तो हरेक के मन की भाषा पढ़ते हैं इसमें यह महत्वपूर्ण नहीं कि उसके शब्द एक विशेष भाषा से ही हो ,भाषा वह हो जो उनकी अपनी हो.
बनारस का 136 साल पुराना 'लाल गिरजाघर' यानी 'भोजपुरी चर्च 'जहा श्रद्धालुओं को उनकी अपनी भोजपुरी में यीशु के सन्देश सुनाये जाते हैं और प्रार्थना कराई जाती है और श्रद्धालु अपने मन की बात ईश्वर से भोजपुरी में ही करते है
इस 'लाल गिरजाघर 'के बगल में "सेंट मेरिज़ चर्च" है, जहां की भाषा अंग्रेज़ी है.लेकिन बकौल एक भक्त के 'लाल गिरजाघर' को ख़ासकर भारतीयों के लिए तैयार किया गया और यहाँ की भाषा हिंदी रखी गई.चर्च के इतिहास के बारे में कहा जाता है कि 136 साल पहले रेवरेंड अल्बर्ट फेंटमिन ने इस चर्च की स्थापना की था.
लाल गिरजाघर में मुख्यत: उन लोगों को ध्यान में रखकर पांच साल पहले भोजपुरी में प्रार्थना शुरू की गई थी जो हिंदी-अंग्रेजी के बजाय भोजपुरी में ज्यादा सहज हैं। भोजपुरी में प्रार्थना के कारण यह चर्च दुनिया में मशहूर है।
यहाँ दर्शन के लिए आने वाले एक श्रद्धालु को यक़ीन है कि भोजपुरी में ईसु उनकी प्रार्थना सुनते हैं.। यहाँ के पादरी श्रद्धालुओं को भोजपुरी में यीशु के सन्देश सुनाते हैं और प्रार्थना कराते हैं। आने वाले ज्यादातर लोग वो है भोजपुरी बोलते-समझते हैं। यहाँ नियमित तौर पर आने वाले एक श्रद्धालु के अनुसार 'अपनी भाषा में यीशु के सन्देश और उनकी प्रार्थना लोगों को कहीं ज्यादा प्रभावित करती हैं और सहज लगते है 'यहां गाये जाने प्रार्थना और उपदेशों का संकलन है जिसे भोजपुरी भाषा में अनुवाद किया गया है .वीएनआई