नई दिल्ली/मॉस्कों, २ सितंबर ( वी एन आई) भारत और चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा पर पिछले चार माह से चल रहे तनाव के बीच भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और चीन के रक्षा मंत्री रक्षा मंत्री जनरल वेई फेंघे पहली बार शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक में आमने सामने होंगे लेकिन सूत्रों के अनुसार दोनों के बीच बातचीत का कोई कार्यक्रम तय नही ्हैं.
अधिकारियों के अनुसार चार सितंबर को होने वाली एससीओ के रक्षा मंत्रियों की बैठक में हिस्सा लेने के अलावा सिंह रूस यात्रा के दौरान अपने रूसी समकक्ष सर्गेई शोइगू और कई अन्य शीर्ष सैन्य अधिकारियों के साथ द्विपक्षीय सैन्य सहयोग बढ़ाने को लेकर बातचीत करेंगे. पाकिस्तानी रक्षा मंत्री परवेज खटक के भी एससीओ की बैठक में हिस्सा लेने की उम्मीद है.
रक्षा मंत्री की यह यात्रा रूस में बहुपक्षीय युद्ध अभ्यास में हिस्सा लेने से भारत के पीछे हटने के कुछ दिन बाद हो रही है जिसमें चीनी और पाकिस्तानी सैनिकों के भी हिस्सा लेने की उम्मीद है. समझा जाता हैं कि भारत ने इस युद्धाभ्यास में दोनों की मौजूदगी के मद्देनजर हटने का फैसला लिया.
रूस ने 10 सितंबर को एससीओ विदेश मंत्रियों की बैठक में भाग लेने के लिए विदेश मंत्री एस जयशंकर को भी आमंत्रित किया है.
सूत्रों ने द्विपक्षीय बैठक की संभावना के बारे में पूछे जाने पर कहा कि ऐसी कोई योजना नहीं है.्यात्रा पर रवाना होने से पूर्व सिंह ने ट्वीट किया- मॉस्को के लिए रवाना हो रहा हूं… इस दौरे पर, मैं शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के रक्षा मंत्रियों की एक बैठक, सामूहिक सुरक्षा संधि संगठन (सीएसटीओ) की बैठक में हिस्सा लूंगा और द्वितीय विश्व युद्ध में विजय की 75वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में सीआईएस के सदस्यों से मुलाकात करूंगा. उन्होंने कहा कि इस दौरान वह शोइगू के साथ साझा हितों पर चर्चा करेंगे.
सिंह ने कहा " भारत और रूस एक रणनीतिक साझेदार हैं. मैं इस यात्रा के दौरान इस साझेदारी को और आगे बढ़ाने को उत्साहित हूं. जून के बाद सिंह की यह दूसरी मास्को यात्रा होगी. उन्होंने 24 जून को मास्को में विजय दिवस परेड में भारत का प्रतिनिधित्व किया था. विजय दिवस परेड का आयोजन द्वितीय विश्वयुद्ध में नाजी जर्मनी पर सोवियत विजय की 75 वीं वर्षगांठ पर किया गया था.
रूसी रक्षा मंत्री शोइगू के साथ अपनी द्विपक्षीय बैठक में सिंह रक्षा अनुबंधों के तहत भारतीय सशस्त्र बलों को विभिन्न हथियारों और कलपूर्जों की जल्द आपूर्ति के लिए बात करेंगे. इस वार्ता में, उम्मीद है कि, दोनों पक्ष भारत में एके 203 राइफल के उत्पादन के काफी समय से लंबित प्रस्ताव को आधिकारिक रूप से अंतिम रूप देंगे.
अधिकारियों ने कहा कि सिंह रूसी पक्ष से भारत को एस-400 मिसाइल रक्षा प्रणालियों की समय पर आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए अनुरोध करेंगे. भारत को एस-400 सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणाली की पहले खेप की आपूर्ति 2021 के अंत तक निर्धारित है.बैठक में संगठन के सदस्य देशों के आठ रक्षा मंत्री आतंकवाद,उग्रवाद जैसी क्षेत्रीय रक्षा चुनौतियों से सामूहिक तौर पर निबटने पर विचार विमर्श करेंगे. भारत २०१७ में एस सी ओं का सदस्य बना था . वी एन आई
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