नई दिल्ली 06अप्रैल (वीएनआई ) अयोध्या नगरी आज फिर एक बार दिव्यता और भक्ति की गवाही बन रही है। 6 अप्रैल 2025 को राम नवमी के शुभ अवसर पर श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में भव्य आयोजन शुरू हो चुका है। पवित्र सरयू में स्नान के साथ अयोध्या में रामनवमी पर्व केलिये सुबह से ही देश-विदेश से पहुंचे श्रद्धालु सरयू में आस्था की डुबकी लगाने के लिए विभिन्न घाटों पर पहुंचने लगे हैं। घाटों पर भारी भीड़ है।राम मंदिर के बाहर लगी लंबी कतारें, ड्रोन से सरयू जल की बारिश की गयी पूरा वातावरण भक्ति, उल्लास और दिव्यता से भर गया है।
इस वर्ष राम नवमी का पर्व विशेष महत्व रखता है, क्योंकि रामलला के मस्तक पर सूर्य देवता द्वारा दिव्य तिलक किया गया — जिसे सूर्य तिलक कहा जाता है। यह एक ऐसा दुर्लभ क्षण होता है जब सूरज की किरणें सीधा रामलला की मूर्ति के मस्तक पर पड़ती हैं, मानो स्वयं भगवान सूर्य भगवान राम को तिलक अर्पित कर रहे हों। यह आयोजन दोपहर 12 बजे के ठीक बाद हुआ और इसकी सीधी प्रसारण दूरदर्शन द्वारा पूरी दुनिया में किया गया।
इससे पूर्व, सुबह 11:45 बजे रामलला को छप्पन भोग अर्पित किया गया। मिठाइयों, फलों और पारंपरिक पकवानों से सजे इस भोग में श्रद्धालुओं ने गहन आस्था के साथ भाग लिया। इसके पश्चात अभिषेक, श्रृंगार और आरती जैसे विशेष अनुष्ठानों की श्रृंखला चली, जिसने हर उपस्थित भक्त को भावविभोर कर दिया।
अयोध्या के श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में इस ऐतिहासिक राम नवमी समारोह ने यह स्पष्ट कर दिया कि आस्था की शक्ति समय और सीमाओं से परे होती है। जहां एक ओर तकनीक की मदद से सूर्य तिलक जैसी दुर्लभ घटना को संभव बनाया गया, वहीं दूसरी ओर करोड़ों भक्तों की श्रद्धा ने इसे एक अत्यंत पवित्र और भावनात्मक पल में परिवर्तित कर दिया।
यह आयोजन न केवल भारत, बल्कि समूचे विश्व के लिए एक अद्वितीय आध्यात्मिक क्षण है — जहां धर्म, विज्ञान और भक्ति एक सूत्र में बंधकर श्रीराम के जन्मोत्सव को चिरस्मरणीय बना रहे हैं।
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