नई दिल्ली 3 नवंबर (वीएनआई) दिल्ली की तीसहजारी कोर्ट ने आज पिछले साल पांच दिसंबर को गुड़गांव की एक फाइनेंस कंपनी की अधिकारी 27 वर्षीय युवती के साथ दुष्कर्म के दोषी ठहराए गए उबेर कैब के चालक शिव कुमार यादव को उम्रकैद की सजा सुनाई।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश कावेरी बावेजा ने उबेर चालक को दुष्कर्म और अन्य मामलों में दोषी करार देते हुए सजा सुनाई। िससे पूर्व अतिरिक्त सत्र न्यायाधीशने सात अक्तूबर को इस मामले में दोनों पक्षों से अंतिम दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रखा था.
गौरतलब है कि पांच दिसंबर, 2014 की रात युवती ने दिल्ली के इंद्रलोक स्थित अपने घर जाने के लिए एप्लीकेशन सर्विस के जरिए उबेर कैब कंपनी की एक कार किराए पर मंगवाई थी। रास्ते में चालक ने कैब में महिला के साथ दुष्कर्म किया। पुलिस के मुताबिक, 32 साल के ड्राइवर शिव कुमार यादव कैब को एक निर्जन स्थान पर ले गया और वहां युवती के साथ दुष्कर्म किया।पीड़ित युवती ने घटना के बाद अपने मोबाइल से कार की तस्वीर खींच ली थी. उसी आधार पर पुलिस ने कार और ड्राइवर की पहचान कर आरोपी को गिरफ़्तार किया था.
इस मामले में अदालत ने 13 जनवरी को चालक के खिलाफ दुष्कर्म, गंभीर शारीरिक नुकसान पहुंचाने और एक महिला का जीवन खतरे में डालने सहित अपहरण, आपराधिक रूप से धमकाने और जानबूझ कर चोट पहुंचाने अन्य गंभीर आरोप तय किए थे। अदालत ने 20 अक्तूबर को यादव को भारतीय दंड संहिता की धाराओं 376 (बलात्कार के दौरान चोट पहुंचाना, जिंदगी खतरे में डालना), 366 (शारीरिक संबंध बनाने के इरादे से अपहरण), 506 (आपराधिक धमकी) और 323 (चोट पहुंचाना) के तहत अपराधों के लिए दोषी ठहराया था। उल्लेखनीय है कि आरोपी ड्राइवर शिव कुमार को सात दिसंबर 2014 को मथुरा से गिरफ्तार किया गया था और वह फिलहाल न्यायिक हिरासत में है. अंतिम सुनवाई में दोषी ड्राइवर के वकील डीके मिश्र ने आरोप लगाया कि उनके मुवक्किल को फंसाने के लिए पीड़ित के बयान और झूठे सबूतों की साजिश रची गई है.
इससे पहले के घटनाक्रम इस प्रकार है
-6 दिसंबर को पुलिस ने इस मामले में शिकायत दर्ज की.
-24 दिसंबर को कोर्ट में चार्जशीट दाखिल हुई.
-7 जनवरी 2015 को फास्ट ट्रैक कोर्ट में मामले का ट्रायल शुरू हुआ.
-13 जनवरी को आरोपी शिव कुमार यादव पर रेप, अपहरण, जान से मारने की कोशिश समेत कई धाराओं में आरोप तय हुए.
-31 जनवरी को पुलिस ने इस मामले में अपने 28 गवाहों की गवाही पूरी की.
-4 मार्च 2015 को आरोपी शिव कुमार यादव के वकील ने फिर 28 गवाहों की गवाही के लिए हाईकोर्ट में अर्जी दी. जिसे हाईकोर्ट ने स्वीकार कर लिया.
- दिल्ली पुलिस और पीड़िता ने इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की और सुप्रीम कोर्ट ने 10 मार्च को निचली अदालत में चल रहे ट्रायल पर रोक लगा दी.
- 10 सितम्बर को अपने फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाईकोर्ट का फैसला रद्द करते हुए ट्रायल कोर्ट को जल्द ही इस मामले में सुनवाई पूरी करने का आदेश दिया.
- 7 अक्टूबर को इस मामले में दोनों पक्षों से अंतिम दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा था.
- 20 अक्टूबर कोर्ट ने आरोपी शिवकुमार को दोषी करार दिया.
उल्लेखनीय है कि इस घटना के बाद कैब कंपनियों की सेवाओं पर कई सवाल खड़े कर दिए थे और उबर को दिल्ली में कुछ समय के लिए अपनी सेवाएं बंद करनी पड़ गई थी.