नई दिल्ली 12 दिसम्बर (वीएनआई) तेल संपन्न देश सऊदी अरब में महिलाएं आज पहली बार अपने मताधिकार का प्रयोग करते हुए इतिहास रचेंगी करेंगी. गौरतलब है कि सऊदी अरब का समाज रुढ़िवादी माना जाता है और यह दुनिया का अकेला देश है जहां महिलाओं को वाहन चलाने का अधिकार नहीं है.
आज हो रहे नगर परिषद चुनावों में महिलाएं न केवल वोट देंगी बल्कि वे चुनाव लड़ भी रही हैं.चुनाव में 978 महिलाओं के साथ-साथ 5938 पुरुष उम्मीदवार भी किस्मत आज़मा रहे हैं.
सऊदी अरब में महिलाओं के सार्वजनिक रूप से चेहरा दिखाने की मनाही है, ऐसे में चुनावी प्रचार सामग्री पर उनकी तस्वीरें नहीं होंगी। प्रचार अभियान में इन महिलाओं को सामने नही आने दिया गया और उनको अपनी बात रखने के लिये किसी पुरुष का सहारा लेना पड़ा
उल्लेखनीय है कि देश में 1965 से 2005 तक 40 वर्षों में कोई चुनाव नहीं हुआ. इसीलिये इस चुनाव को ऐतिहासिक बताया जा रहा है। इससे पहले दो नगर परिषद हुए, जिनमें से पहला चुनाव 2005 में और दूसरा चुनाव 2011 में हुआ था। उन दोनों चुनावों में सिर्फ पुरुषों को चुनाव लडऩे की इजाजत दी गई
चुनावों में महिलाओं की भागीदारी का फ़ैसला दिवंगत शाह अब्दुल्ला ने किया था और इसे उनकी विरासत का अहम हिस्सा माना जाता है.
शाह अब्दुल्ला ने गत जनवरी में निधन से पहले 30 महिलाओं को देश की शीर्ष सलाहकार शूरा परिषद में नियुक्त किया था.
शनिवार को होने वाले चुनावों से परिषद की 2100 सीटों का फ़ैसला होगा. अतिरिक्त 1050 सीटों पर शाह की मंज़ूरी से नियुक्तियां की जाएंगी.