किसका सिक्का चलता है

By Shobhna Jain | Posted on 17th Dec 2016 | देश
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सुनील कुमार ,वी एन आई ,नयी दिल्ली 17 -12-2016 समय जीवन का कीमती सिक्का है, ये आप पर निर्भर है कि आप इसे कैसे खर्च करना चाहते हैं भारत, चीन की वजह से ही दुनिया ने सिक्के देखे . सबसे पहले भारतीय सिक्कों को पुराण, कर्शपना या पना कहा जाता था. इसे छठी शताब्दी में भारत के महाजनपद में बनाया जाता था. इसमें गांधार, कुटाला, कुरु, पंचाल, शाक्या, सुरसेना और सुराष्ट्र शामिल हैं. इन सिक्कों का की की आकृति / आकार अलग-अलग था और इन पर अलग-अलग निशान बने थे. जैसे सुराष्ट्र पर बैल, दक्षिण पांचाल पर स्वास्तिक और मगध के सिक्कों पर कई निशान बने होते थे. इसके बाद मौर्य वंश आया, जिसमें चंद्रगुप्त मौर्य चांदी, सोने, तांबे और सीसे के सिक्के लोगों के बीच लाए. इस समय चांदी के सिक्के को रुप्यारुपा, सोने के सिक्के को स्वर्णरुपा, ताम्ररुपा तांबे का सिक्का और सीसे के सिक्के को सीसारुपा कहा जाता था. हम कह सकते हैं की भारत की सम्रद्ध संस्कृति ने ही विश्व को अर्थ व्यवस्था के इस महत्वपूर्ण पक्ष से परिचित कराया

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