नई दिल्ली 15 मई (वीएनआई) आजकल ्ज़्यादातर लोग स्टोर पर जाने के बजाय ऑनलाइन चीजें खरीदना पसंद करते हैं। वे खाने से लेकर कार तक हर चीज़ ऑनलाइन खरीदना पसंद करते है Amazon, Zomato, Swiggy और Flipkart जैसी अनेक वेबसाइट्स हैं जहां लोग शॉपिंग करते हैं। सबसे लोकप्रिय अमेज़ॅन और फ्लिपकार्ट जैसे प्लैटफोर्म्स से लोग तकरीबन 80 प्रतिशत सामान खरीदते हैं चूंकि बाज़ार मे ये बहुत मज़बूत प्लेयर हैं इसलिए छोटे स्टोरों का उनके स्सथ लिए उनके साथ ्मुकाबला करना कठिन है।
ग्राहकों की इसी समस्या से निबटने के लिये सरकार ने पिछले साल सितंबर में एक सरकारी ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स (Open Network for Digital Commerce) लॉन्च किया गया था जो आज 180 से ज्यादा शहरों में मौजूद है। यह प्लेटफॉर्म छोटी और बड़ी ई-कॉमर्स कंपनियों के लिए बनाया गया है् जिससे ई-कॉमर्स मार्केट में अमेजन और फ्लिपकार्ट में बढ़ते वर्चस्व को कम किया जा सके
खरीदार और बिक्रेता के बीच सीधे संपर्क स्थापित करना ONDC की विषेशता है ये कोई ऐप नहीं है बल्कि एक प्लैटफोर्म्स ्है,इसकी वेबसाइट पर जाकर आप आप पेटीएम, मैजिकपिन और अन्य ऐप के माध्यम से आसपास के रेस्तरां के ऑर्डर कर ्सकते हैं । ओएनडीसी पर खाद्य वस्तुयों के अलावा ग्रॉसरी, होम डेकोरेशन और अन्य सामनों भी ऑर्डर दिये जा सकते हैं सकते हैं।
ONDC प्लेटफॉर्म पर किसी विक्रेता से उसकी ्सेवायों और उत्पादों की लिस्टिंग के लिए काफी कम कमीशन लिया जाता है। वहीं, दूसरे ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म जो कि थर्ड पार्टी ऐप होते हैं उन पर पर अधिक कमीशन का भुगतान बिक्रेताओं को करना पड़ता है। इस कारण ओएनडीसी प्लेटफॉर्म पर सेवायें और उत्पाद और प्रोडक्ट खरीदना ज़्यादा सस्ता है। चूंकि अभी ओएनडीसी अभी शुरुआती दौर मे ही है ऐसलिये ये देखना होगा कि भविष्य में ्ये कै्सी सेवाएं देता है और ग्राहकों को इससे कितना फायदा होगा।
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