नई दिल्ली, 25 मार्च, (वीएनआई) बुधवार से शुरू हुए चैत्र नवरात्रे के आज चौथे दिन माँ कुष्मांडा की पूजा होती है। नवरात्र इस बार पूरे नौ दिन रहेंगे। वहीं नवरात्रि के नौ दिनों तक मां दुर्गा के अलग-अलग नौ रूपों शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चन्द्रघण्टा, कुष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और नवें दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाएगी।
आज चौथे दिन दुर्गा के चौथे स्वरुप माँ कुष्मांडा की पूजा की जाती है। मान्यता है की सृष्टि की रचना से पहले जब हर तरफ अंधकार था और कोई भी प्राणी नहीं था तो माँ दुर्गा ने ब्रह्माण्ड की रचना की थी। इस कारन इन्हे कुष्मांडा कहा जाता है। इनकी आठ भुजाये होती है और ये सिंह पर सवार होती है। माँ के सात हाथो में चक्र, गदा, धनुष, कमंडल, अमृत का कलश, बाण और कमल का फूल है और आठवें हाथ में जपमाला है जो सभी प्रकार की सीढ़ियों से युक्त है। इसलिए नवरात्र में मान्यता है की इनकी अर्चना से तेज की प्राप्ति होती है।
कुष्मांडा माँ की अर्चना के लिए मन्त्र इस प्रकार है :-
"सुरासम्पूर्णकलशं रूधिराप्लुतमेव च. दधाना हस्तपद्माभ्यां कूष्माण्डा शुभदास्तु मे"
No comments found. Be a first comment here!