उपराष्ट्रपति नायडू ने 'पद्मावती' विवाद पर कहा, शारीरिक धमकियां अस्वीकार्य

By Shobhna Jain | Posted on 25th Nov 2017 | देश
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नई दिल्ली, 25 नवंबर (वीएनआई)| भारत के उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने आज कहा कि लोकतंत्र में फिल्म निर्माताओं को शारीरिक धमकियां देना और अवरोध उत्पन्न करना अस्वीकार्य है। नायडू ने फिल्म 'पद्मावती' का विरोध करने वालों लोगों और समूहों से आग्रह किया कि वह शांतिपूर्ण और कानून के तहत विरोध करें। 

टाइम्स लिटफेस्ट के उद्घाटन सत्र के दौरान नायडू ने कहा, फिल्मनिर्माताओं को शारीरिक धमकियां और शारीरिक अवरोध स्वीकार नहीं किया जा सकता। प्र्दशनकारियों को कानून के तहत और शांतिपूर्ण तरीके से प्र्दशन करना चाहिए। संजय लीला भंसाली की इतिहास पर आधारित फिल्म 'पद्मावती' को लेकर विवाद के बाद इसकी रिलीज को लेकर कई संगठन पूरे देश में विरोध कर रहे हैं। दीपिका पादुकोण, रणवीर सिंह और शाहिद कपूर अभिनीत फिल्म पहले 1 दिसंबर को रिलीज होनी थी लेकिन इसे अब टाल दिया गया है। 

नायडू ने कहा कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और प्रेस की स्वंतत्रता पर कोई सहमत है या नहीं इससे फर्क नहीं पड़ता। इस बहस को जारी रखने की इजाजत देनी चाहिए। उन्होंने कहा, भारत हमेशा बहुलवादी परंपराओं व लोकाचार में विश्वास करता रहा है और कभी भी संकीर्ण, कट्टर विचारों के साथ बोझिल प्रथाओं को सिर उठाने की अनुमति नहीं देता। नायडू ने यह भी कहा कि अहसमति को स्वीकार किया जा सकता है लेकिन विघटन स्वीकार्य नहीं है।  उन्होंने कहा, "यह अंतिम रेखा है और ताकत द्वारा भारत की अखंडता और एकता को कम करने के किसी भी प्रयास को शुरू में ही जड़ से उखाड फेंकना चाहिए इससे पहले की वो बाद में मुश्किलें खड़ी करें और अनियंत्रित हो जाए।"


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