नई दिल्ली, 01 अगस्त, (वीएनआई) भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण ने बीते मंगलवार को ट्वीट करके कहा गया है कि लोग अपने 12 अंकों के आधार नंबर को किसी के भी साथ साझा नहीं करें। सार्वजनिक रूप से इसे साझा करना एक दंडनीय अपराध है।
गौरतलब है कि हाल ही में जिस तरह से ट्राई चीफ ने ट्विटर पर अपना आधार नंबर साझा करते हुए लोगों को चुनौती दी थी कि वह इसके जरिए कुछ भी नुकसान उन्हें पहुंचाकर दिखाए, इसके बाद खुद यूआईडीएआई की ओर से बीते मंगलवार को लोगों को ट्विटर के जरिए ऐसा नहीं करने की सलाह दी है। यूआईडीएआई की ओर से एक साथ कई ट्वीट करके लोगों को अपना आधार नंबर सार्वजनिक रूप से साझा करने और लोगों को चुनौती देने से मना किया गया है। ट्वीट में कहा गया है कि आधार एक व्यक्तिगत पहचान का दस्तावेज है जिसका इस्तेमाल सरकार की कई योजनाओं, सब्सिडी के लाभ के लिए लिया जा सकता है। हम अपने लगातार मीडिया अभियान में यह कहते आए हैं कि लोगों को इसे सार्वजनिक रूप से साझा नहीं करना चाहिए। हम एक बार फिर से कहना चाहते हैं कि लोगों को अपना आधार नंबर सार्वजनिक रूप से साझा नहीं करना चाहिए।
यूआईडीएआई ने आगे लिखा है कि आधार संवेदनशील दस्तावेज है, यह बैंक अकाउंट, पासपोर्ट नंबर, पैन नंबर से लिंक होता है, लिहाजा इसे किसी के साथ साझा नहीं करना चाहिए, इसका गलत इस्तेमाल हो सकता है। यही नहीं ऐसा करना आधार एक्ट 2016 के तहत दंडनीय अपराध है। ऐसे में अगर कोई भी व्यक्ति इस तरह की गतिविधि में लिप्त पाया जाता है तो कानूनी रूप से उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी, लिहाजा आप लोगों से गुजारिश की जाती है कि इस तरह की गतिविधि से खुद को दूर रखें।
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