नई दिल्ली, 31 अगस्त (वीएनआई)| भारत के चार दिवसीय दौरे पर आई स्विट्जरलैंड की राष्ट्रपति डोरिस लिउथर्ड का आज राष्ट्रपति भवन में भव्य स्वागत किया गया।
लिउथर्ड को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया, जिसके बाद राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनका स्वागत किया। इसके बाद लिउथर्ड ने राजघाट पर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से मुलाकात की। लिउथर्ड ने स्वागत समारोह के बाद कहा, मुझे उम्मीद है कि इस यात्रा से भारत-स्विट्जरलैंड के संबंध मजबूत होंगे। व्यापार को लेकर लंबित पड़ी परियोजनाएं पूरी होंगी। हम नया निवेश सुरक्षा समझौता करने की कोशिश करेंगे। उन्होंने कहा, "स्विट्जरलैंड दुनिया में सर्वाधिक नवाचार वाला देश है.. यह भारत में रोजगार लाएगा। वहीं विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने ट्वीट कर कहा, लोकतंत्र के साझा मूल्यों पर आधारित दोस्ती। राष्ट्रपति डोरिस लिउथर्ड का भव्य स्वागत।
स्विट्जरलैंड, भारत का सातवां सबसे बड़ा कारोबारी देश है। मर्चेडाइज, बुलियन, आईटी सेवाओं और सॉफ्टवेयर निर्यात सहित दोनों देशों का कुल व्यापार 2016-17 में 18.2 अरब डॉलर रहा। स्विट्जरलैंड ने अप्रैल 2000 से सितंबर 2016 के बीच भारत में लगभग 3.57 अरब डॉलर का निवेश किया। इस तरह यह 11वां सबसे बड़ा निवेशक देश बन गया। 2013-14 और 2015-16 के बीच लगभग 100 भारतीय कंपनियों ने स्विट्जरलैंड में लगभग 1.42 अरब डॉलर का निवेश किया है। टीसीएस, इन्फोसिस और टेक महिंद्रा सहित प्रमुख भारतीय आईटी कंपनियों के स्विट्जरलैंड में कार्यालय हैं।
गौरतलब है मोदी ने जून 2016 में स्विट्जरलैंड का दौरा किया था और कई दशकों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री का यह पहला स्विट्जरलैंड दौरा था। इस दौरे के दौरान स्विट्जरलैंड ने परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) में भारत की सदस्यता को लेकर समर्थन जताया था। इस दौरान स्विस बैंकों में जमा भारतीयों के कालेधन का मुद्दा भी उठा। स्विट्जरलैंड के राष्ट्रपतियों ने इससे पहले 1998, 2003 और 2007 में भारत का दौरा किया था।
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