नई दिल्ली, 6 अक्टूबर (वीएनआई)| सर्वोच्च न्यायालय ने आज एक ऐसी याचिका पर केंद्र सरकार से जवाब मांगा है जिसमें कहा गया है कि फांसी की सजा असंवैधानिक है, क्योंकि यह तकलीफदेह होती है और जीवन समाप्त करने का यह सम्मानजनक तरीका नहीं है।
मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए.एम. खानविलकर और न्यायमूर्ति डी. वाय. चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली पीठ ने सरकार को प्रतिक्रिया देने के लिए तीन सप्ताह का समय दिया है। अपराध प्रक्रिया संहिता की धारा 354 फांसी पर लटकाकर मौत की सजा देने की अनुमति देती है। पीठ ने इस मामले में महान्यायवादी के.के. वेणुगोपाल से सहायता करने के लिए भी कहा है। न्यायालय ने संसद से मौत की सजा देने के वैकल्पिक तरीकों पर विचार करने के लिए कहा है।
याचिकाकर्ता वकील ने न्यायालय को बताया है कि फांसी द्वारा मौत की सजा देना संविधान के अनुच्छेद-21 का उल्लंघन है, जो सम्मान के साथ जीने का अधिकार प्रदान करता है। उन्होंने कहा कि सम्मान के साथ जीने के अधिकार में बिना दर्द व तकलीफ के सम्मान के साथ मरने का अधिकार भी शामिल है। याचिकाकर्ता वकील द्वारा न्यायालय को कम तकलीफदेह तरीके से मौत की सजा के बारे में सुझाव देने पर न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा कि घातक इंजेक्शन से मौत की सजा देने के तरीके की काफी आलोचना हुई है।
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