मुंबई, 16 जून | बीते सप्ताह लगातार चौथे सप्ताह शेयर बाजार तेजी के साथ बंद हुए और आईटी और फार्मा कंपनियों के शेयरों में सबसे ज्यादा तेजी आई। साप्ताहिक आधार पर सेंसेक्स 178.47 अंकों या 0.50 फीसदी की तेजी के साथ 35,622.14 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 50.05 अंकों या 0.46 फीसदी की तेजी के साथ 10,817.70 पर बंद हुआ। इस दौरान बीएसई के मिडकैप सूचकांक में 21.17 अंकों या 0.13 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई और यह 16,001.20 पर बंद हुआ। बीएसई का स्मॉलकैप सूचकांक 74.03 अंकों या 0.44 फीसदी की तेजी के साथ 16,961.16 पर बंद हुआ।
सोमवार को शेयर बाजारों की सकारात्मक शुरुआत हुई और सेंसेक्स 39.80 अंकों या 0.11 फीसदी की तेजी के साथ 35,483.47 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 19.30 अंकों या 0.18 फीसदी की तेजी के साथ 10,786.95 पर बंद हुआ। मंगलवार को सेंसेक्स में 209.05 अंकों या 0.59 फीसदी की तेजी दर्ज की गई और यह 35,692.52 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 55.90 अंकों या 0.52 फीसदी की तेजी के साथ 10,842.85 पर बंद हुआ। बुधवार को सेंसेक्स 46.64 अंकों या 0.13 फीसदी की तेजी के साथ 35,739.16 पर तथा निफ्टी 13.85 अंकों या 0.13 फीसदी की तेजी के साथ 10,856.70 पर बंद हुआ। गुरुवार को शेयर बाजारों में गिरावट का दौर रहा और सेंसेक्स 139.34 अंकों या 0.39 फीसदी की गिरावट के साथ 35,599.82 पर बंद हुआ। निफ्टी 48.65 अंकों या 0.45 फीसदी की गिरावट के साथ 10,808.05 पर बंद हुआ। सप्ताह के अंतिम कारोबारी दिन शुक्रवार को सेंसेक्स 22.32 अंकों या 0.06 फीसदी की तेजी के साथ 35,622.14 पर तथा निफ्टी 9.65 अंकों या 0.09 फीसदी की तेजी के साथ 10,817.70 पर बंद हुआ।
बीते सप्ताह के सेंसेक्स के तेजी वाले शेयरों में प्रमुख रहे - डॉ. रे्ड्डीज (13.97 फीसदी), सन फार्मा (8.11 फीसदी), टीसीएस (5.33 फीसदी), विप्रो (1.16 फीसदी), इंफोसिस (1.64 फीसदी), इंडसइंड बैंक (4.01 फीसदी), स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (1.78 फीसदी) और कोटक महिंद्रा बैंक (1.64 फीसदी)। सेंसेक्स के गिरावट वाले शेयरों में प्रमुख रहे - टाटा स्टील (5.60 फीसदी), एक्सिस बैंक (1.58 फीसदी), आईसीआईसीआई बैंक (2.08 फीसदी), एचडीएफसी बैंक (0.95 फीसदी), टाटा मोटर्स (2.21 फीसदी), एनटीपीसी (3.40 फीसदी), कोल इंडिया (3.74 फीसदी) और ओएनजीसी (4.64 फीसदी)।
आर्थिक मोर्चे पर, देश का व्यापार घाटा मई में बढ़कर 14.62 अरब डॉलर हो गया, जो पिछले साल के मई में 13.84 अरब डॉलर था। सरकार ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। मासिक थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) पर आधारित मुद्रास्फीति की दर मई में 4.43 फीसदी रही, जो अप्रैल में 3.18 फीसदी और पिछले साल के मई में 2.26 फीसदी थी। देश का उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) पर आधारित सालाना मुद्रास्फीति दर मई में 4.87 फीसदी रही, जोकि अप्रैल में 4.58 फीसदी थी। महंगाई बढ़ने का मुख्य कारण पेट्रोल और डीजल के बढ़ते दाम और डॉलर के खिलाफ कमजोर होता रुपया है। सालाना खुदरा मुद्रास्फीति की दर पिछले साल अप्रैल में 2.99 फीसदी पर थी।
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