नई दिल्ली,९ जुलाई(वी एन आई) नीति आयोग के प्रमुख अमिताभ कांत ने विचार व्यक्त किया है कि देश मे कि दोहरे अंकों में वृद्धि दर तभी हासिल हो सकती है, जब हमारी युवा पीढ़ी नौकरी ढूंढने वाले से नौकरी देने वाले में तब्दील होगी.
आयोग का सुझाव है कि भारत को अगले तीन दशक तक लगातार 9 से 10 फीसदी की दर से विकास करना है तो यहां 'तकनीकी छलांग' लगाने की जरूरत है, जो तभी संभव हो सकती है, जब स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने के लिए एक पारिस्थितिकी तंत्र का गठन किया जाए. लेकिन ऐसी पारिस्थितिकी तंत्र का गठन तभी हो सकता है, जब माता-पिता और संस्थान 'विफल होने की संस्कृति' को स्वीकार करें.
फेसबुक पर लाइव इंटरैक्शन के दौरान नीति आयोग के सीईओ कांत ने एक अध्ययन का हवाला देते हुए कहा, "बड़ी कंपनियां रोजगार पैदा नहीं करती है, युवा कंपनियां ही रोजगार पैदा करती हैं. इसलिए हमें भारी मात्रा में प्रौद्योगिकी और नवाचार की आवश्यकता होगी.' इस पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देने के लिए नीति आयोग विश्वविद्यालयों और शोध संस्थानों में अटल इंकूबेसन केंद्र (एआईसी) स्थापित करने जा रही है, जिसका लक्ष्य नवाचार और स्टार्टअप्स को बढ़ावा देना है.