नई दिल्ली, 18 मई (वीएनआई)| कर्नाटक के मुख्यमंत्री बी.एस. येदियुरप्पा को कर्नाटक विधानसभा में सर्वोच्च न्यायालय ने शनिवार शाम चार बजे बहुमत साबित करने के निर्देश दिए हैं और तब तक उनके किसी भी तरह के नीतिगत फैसलों पर रोक लगा दी है।
न्यायाधीश ए.के. सीकरी, न्यायाधीश एस.ए. बोबडे और न्यायाधीश अशोक भूषण की पीठ ने शनिवार शाम चार बजे बहुमत साबित करने का आदेश देते हुए कहा कि विधानसभा के सबसे वरिष्ठ सदस्य, अस्थाई स्पीकर नव निर्वाचित सदस्यों को शपथ दिलाएंगे और फिर बहुमत परीक्षण कराएंगे। न्यायालय ने वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी द्वारा दायर येदियुरप्पा की उस याचिका को भी खारजि कर दिया, जिसमें उन्होंने बहुमत परीक्षण के लिए एक सप्ताह का समय देने की मांग की थी। न्यायालय ने अटॉर्नी जनरल के.के. वेणुगोपाल के उस सुझाव को भी खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने बहुमत परीक्षण गुप्त मतपत्र के जरिए कराने की बात कही थी।
कर्नाटक विधानसभा चुनावों में भाजपा ने 104 सीटें जीती है, लेकिन वह बहुमत के लिए जरूरी 112 सीटों में से आठ सीट दूर हैं, जबकि कांग्रेस ने 78 और जेडीएस ने 37 सीटें जीती हैं। कांग्रेस ने बाद में कहा कि जेडीएस को समर्थन देने की बात कही थी। न्यायालय ने एक एंग्लो-इंडियन सदस्य के नामांकन को भी रोक दिया। न्यायालय ने व्यक्तिगत रूप से कर्नाटक के पुलिस महानिदेशक को नवनिर्वाचित विधायकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।
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