नई दिल्ली, 12 जून, (वीएनआई) पूर्व आर्थिक सलाहाकार अरविंद सुब्रमण्यम के जीडीपी रेट को कम करने के दावों का प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद ने आज खंडन करते हुए कहा है कि परिषद जल्दी ही आरोपों का बिंदुवार उत्तर देगी।
सरकार ने आज कहा कि वह अपने पूर्व आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यम के शोधपत्र में किए गए दावों की एक विस्तृत जांच करेगी। इसके बाद आरोपों का बिंदुवार उत्तर दिए जाएंगे। अभी के समय में उचित अकादमिक बहस के मुद्दे को सनसनी बनाने की किसी कोशिश में उलझना भारतीय सांख्यिकी प्रणाली की गुणवत्ता और स्वतंत्रता को बचाये रखने के लिये उचित नहीं है। इन सब से पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार भी अच्छे से परिचित हैं। परिषद की ओर से कहा गया है कि, निश्चित तौर पर डॉ सुब्रमण यम ने इन मुद्दों को तब भी उठाया होगा जब वह मुख्य आर्थिक सलाहकार के पद पर काम रहे थे।
गौरतलब है कि सुब्रमण्यम ने एक शोधपत्र में दावा किया था कि जीडीपी की गणना के तरीके में बदलाव के कारण 2011-12 से 2016-17 के बीच भारत की आर्थिक वृद्धि के आंकड़े को करीब 2.50 प्रतिशत बढ़ाकर दिखाया गया है। उन्होंने हार्वर्ड विश्विद्यालय द्वारा प्रकाशित अपने शोध पत्र में कहा है कि भारत की सकल घरेलू उत्पाद वृद्धि दर उपरोक्त अवधि में 4.5 प्रतिशत रहनी चाहिए जबकि आधिकारिक अनुमान में इसे करीब 7 प्रतिशत बताया गया है।
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