नई दिल्ली, 25 जनवरी (वीएनआई)| प्रधानमंत्री मोदी ने आज कहा कि भारत आसियान देशों के साथ समुद्री क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने को लेकर प्रतिबद्ध है। भारत-आसियान की साझेदारी के 25 वर्ष पूरे होने के अवसर पर मोदी ने दिल्ली में दो दिनों तक चलने वाले भारत-आसियान शिखर सम्मेलन के शुरुआती सत्र में कहा, भारत, नियम आधारित समाजों और शांति के मूल्यों के लिए आसियान के साथ दृष्टिकोण साझा करता है। उन्होंने कहा, हम समुद्री क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के लिए आसियान देशों के साथ काम करने के लिए तैयार हैं। मोदी ने कहा कि आसियान नई दिल्ली के एक्ट ईस्ट पॉलिसी के केंद्र में है। उन्होंने कहा, समुद्री कानून पर संयुक्त राष्ट्र के समझौते समेत अंतर्राष्ट्रीय कानून का पालन होना चाहिए।
प्रधानमंत्री ने कहा, आसियान-भारत साझेदारी की प्रकृति में काफी बढ़ोतरी हुई है। 25 वर्षो में हमारा व्यापार 25 गुणा बढ़ गया है। निवेश में बढ़ोतरी हुई है और यह लगातार बढ़ रहा है। उन्होंने कहा, हम अपने व्यापारिक सहयोग को बढ़ाएंगे और व्यापारिक समुदायों के बीच संवाद बढ़ाने की दिशा में काम करेंगे।" इस अवसर पर सिंगापुर के प्रधानमंत्री ली सिन लूंग ने कहा, भारत और आसियान को व्यापार और आर्थिक सहयोग बढ़ाना होगा। उन्होंने भारत और दक्षिणपूर्वी एशिया के बीच जमीन, वायु और समुद्री संपर्क बढ़ाने पर भी जोर दिया। मोदी ने इससे पहले बुधवार को ही म्यांमार की स्टेट-काउंसिलर आंग सान सु की, फिलीपींस के राष्ट्रपति रोड्रिगो दुतर्ते, वियतनाम के प्रधानमंत्री गुयेन झुआन फुक और थाइलैंड के प्रधानमंत्री प्रयुत चान-ओचा और सिंगापुर के प्रधानमंत्री ली सिन लूंग से द्विपक्षीय वार्ता कर ली है। मोदी ने ब्रुनेई के सुल्तान हसनल बोलकेय से भी मुलाकात की ।इन देशों के नेता शुक्रवार को गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल होंगे। ऐसा पहली बार हो रहा है कि गणतंत्र दिवस समारोह में एक साथ इतने देशों के राष्ट्राध्यक्ष मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल हो रहे हैं।
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