नई दिल्ली, 9 अगस्त प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कहा कि यह समय 2022 तक देश को गरीबी और भ्रष्टाचार से मुक्त करने के लिए वैसी ही भावना के साथ सामूहिक संकल्प लेने का है, जैसी भावना के साथ 75 साल पहले इसी दिन महात्मा गांधी ने भारत छोड़ो आंदोलन शुरू किया था।
भारत छोड़ो आंदोलन के 75 साल पूरे होने के मौके परसंसद का एक दिन का विशेष सत्र बुलाया गया है. बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में अगस्त क्रांति पर अपने संबोधन में कहा, 'यह हमारा सौभाग्य है कि हमें इस आंदोलन को दोबारा याद करने का मौका मिला. इतिहास की घटनाएं हमें प्रेरणा देती हैं. नई पीढ़ियों को भारत छोड़ो आंदोलन के बारे में बताना जरूरी है. युवाओं को इस आंदोलन के बारे में विस्तार से जानना चाहिए.'
मोदी ने लोकसभा को संबोधित करते हुए कहा कि इस घटना ने दुनिया को भारत की 'मजबूत इच्छा शक्ति' से अवगत कराया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज के समय में हमें समाज में कर्तव्य भाव जगाने की जरूरत है. उन्होंने देशवासियों से एक बार फिर से 1942 जैसा माहौल जगाने की अपील की. . उन्होंने आजादी के आंदोलन को याद करते हुए कहा कि 1942 से 1947 तक के आंदोलन की वजह से ही देश को आजादी मिली.उन्होंने कहा कि गांधी जी के 'करो या मरो' के नारे ने भारत के स्वतंत्रता आंदोलन को पूरी तरह से बदलकर रख दिया था और ऐसी भावना जगाई थी, जो देश में पहले कभी नहीं देखी गई थी और जिससे देश को आखिरकार औपनिवेशिक ब्रिटिश शासकों से आजादी मिल गई।
प्रधानमंत्री ने कहा, "सदैव अहिंसा का प्रचार करने वाले महात्मा गांधी ने जब 'करो या मरो' का आान किया तो यह देश के लिए आश्चर्यजनक था।"
उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में देश गरीबी, कुपोषण, शिक्षा की उपलब्धता में कमी और स्वास्थ्य देखभाल जैसी बड़ी चुनौतियों का सामना कर रहा है।
मोदी के मुताबिक, "हमें इस संबंध में सकारात्मक बदलाव लाने की जरूरत है। हमारे देश से भ्रष्टाचार को निकाल बाहर करने के लिए आज उसी तरह के आह्वान (जैसा महात्मा गांधी ने 1942 में किया) और दृढ़ संकल्प की आवश्यकता है।"
--आईएएनएस
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