नई दिल्ली, 30 जुलाई, (वीएनआई) दिल्ली के विज्ञान भवन में अखिल भारतीय जिला कानूनी सेवा प्राधिकरण बैठक के उद्घाटन में प्रधानमंत्री मोदी ने आज कहा कि आम आदमी के लिए न्याय प्रणाली का आसान होना जरूरी है।
विज्ञान भवन में राष्ट्रीय कानूनी सेवा प्राधिकरण द्वारा 30 से 31 जुलाई तक जिला कानूनी सेवा प्राधिकरण की पहली राष्ट्रीय स्तर की बैठक आयोजित की जा रही थी, जिसमे प्रधानमंत्री मोदी के आलावा इस कार्यक्रम में भारत के मुख्य न्यायाधीश एन. वी. रमना और केंद्रीय कानून मंत्री किरण रिजिजू भी मौजूद रहे।
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में पीएम ने आम आदमी के लिए आसानी से न्याय की उपलब्धता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि जिस तरह व्यापार करने और जीवन जीने के लिए प्रणाली का आसान होना जरूरी है, ठीक उसी तरह न्याय मिलने में सहजता का होना भी बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि ये समय हमारी आजादी के अमृतकाल का समय है। ये समय उन संकल्पों का समय है जो अगले 25 वर्षों में देश को नई ऊंचाई पर ले जाएंगे। देश की इस अमृतयात्रा में व्यापार करने में आसानी और जीवन में आसानी की तरह ही न्याय की आसानी भी उतनी ही जरूरी हैं। किसी भी समाज के लिए न्याय प्रणाली तक पहुंच जितनी जरूरी है, उतनी ही जरूरी न्याय वितरण प्रणाली भी है। इसमें एक अहम योगदान न्यायिक अवसंरचना का भी होता है। पिछले आठ वर्षों में देश के न्यायिक अवसंरचना को मजबूत करने के लिए तेज गति से काम हुआ है। उन्होंने आगे कहा कि न्याय का ये भरोसा हर देशवासी को ये एहसास दिलाता है कि देश की व्यवस्थाएं उसके अधिकारों की रक्षा कर रही हैं। इसी सोच के साथ देश ने राष्ट्रीय कानूनी सेवा प्राधिकरण की स्थापना भी की, ताकि कमजोर से कमजोर व्यक्ति को भी न्याय का अधिकार मिल सके। ई-कोर्ट मिशन के तहत देश में वर्चुअल कोर्ट शुरू की जा रही हैं। यातायात उल्लंघन जैसे अपराधों के लिए 24 घंटे चलने वाली कोर्ट ने काम करना शुरू कर दिया है। लोगों की सुविधा के लिए कोर्ट में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग इनफ्रास्ट्रक्चर का विस्तार भी किया जा रहा है।
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