नई दिल्ली, 21 जून, (वीएनआई) दुनियाभर में आज मनाये जा रहे अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने देशवासियों को संदेश देते हुए कहा योग के विस्तार, वसुधैव कुटुंबकम की भावना का विस्तार है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि योग दिवस के आयोजन में मैं किसी ना किसी आयोजन में आपके बीच उपस्थित रहता था। आप सबके साथ मिलकर योग करने का आनंद भी यादगार रहता है। लेकिन इस बार विभिन्न दायित्वों की वजह से मैं अभी अमेरिका में हूं, इसलिए आप सभी से वीडियो संदेश के माध्यम से जुड़ रहा हूं। साथियों आपको यह भी बता दूं कि भले मैं आपके बीच योग नहीं कर पा रहा हूं, लेकिन योग करने के कार्यक्रम से भाग नहीं रहा हूं। इसलिए आज शाम को भारतीय समय के अनुसार 5.30 बजे संयुक्त राष्ट्र के मुख्यालय में जो विशाल मात्रा में योग कार्यक्रम हो रहा है, मैं उसमे शामिल होऊंगा। भारत के आह्वान पर दुनिया के 180 से अधिक देशों का एक साथ आना ऐतिहासिक और अभूतपूर्व है। आप सबको याद होगा, 2014 में जब यूएन जनरल असेंबली में योग दिवस का प्रस्ताव आया तो रिकॉर्ड देशों ने इसे समर्थन दिया था। तबसे लेकर आजतक अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के जरिए योग एक वैश्विक आंदोलन बन गया है। ग्लोबल स्पिरिट बन गया है।
प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि जो जोड़ता है वह योग है, इसलिए योग का यह प्रसार उस विचार का विस्तार है जो पूरे संसार को एक परिवार के रूप में समाहित करता है। योग के विस्तार का अर्थ है, वसुधैव कुटुंबकम की भावना का विस्तार। इसलिए इस वर्ष भारत की अध्यक्षता में हो रहे जी20 समिट की थीम वन अर्थ, वन फैमिली और वन फ्यूचर रखी गई है। आज पूरी दुनिया में करोड़ो लोग योग और वसुधैव कुटुंबकम की थीम पर एक साथ योग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि ग्रंथों में योग के संबंधन मे कहा गया है। योग से, व्यायाम से हमे स्वास्थ्य आयुष और बल मिलता है। हममे से कितने ही लोग योग से नियमित जुड़े हैं उन्होंने योग की ऊर्जा को महसूस किया है।
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