लखनऊ, 25 दिसंबर, (वीएनआई) देशभर में नागरिकता कानून के खिलाफ हुए प्रदर्शन पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा है कि हिंसा करने वालों को खुद से पूछना चाहिए कि क्या उन्होंने सही किया। इससे किसका नुकसान हुआ, जो रास्ता उन्होंने चुना क्या वो रास्ता सही है?
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की 95वीं जयंती पर लखनऊ पहुंचे मोदी ने उनकी प्रतिमा का अनावरण करने के बाद नागरिकता कानून के खिलाफ हाल के दिनों में हुए प्रदर्शनों के दौरान आगजनी हिंसा की घटनाओं पर कहा, जिस सार्वजनिक संपत्ति को तोड़ा गया क्या वो उनके परिवार के काम नहीं आती, जिन्होंने इसे नुकसान पहुंचाया? इस तरह अफवाहों पर हिंसा करने से किसका नुकसान है। देश के प्रत्येक नागरिक को बेहतर सार्वजनिक सुविधाएं पाने का हक है लेकिन उनका संरक्षण करना भी उनकी जिम्मेदारी है। नुकसान पहुंचाने वाले भी खुद से पूछें कि उन्होंने क्या किया।
प्रधानमंत्री ने आगे कहा कश्मीर से आर्टिकल 370 को हमने हटाया। राम जन्मभूमि का इतना पुराना मामला, शांतिपूर्ण समाधान। भारत आजाद हुआ, विभाजन हुआ तबसे लेकर लाखों गरीब उसमें भी ज्यादा दलित हैं, वंचित हैं, शोषित हैं, अपना धर्म बचाने के लिए, अपनी बेटियों की इज्जत बचाने के लिए जो लोग पाकिस्तान से, बांग्लादेश, अफगानिस्तान से भारत की शरण लेने के लिए मजबूर हो गए ऐसे शरणार्थियों को नागिरकता की गरिमा देने का रास्ता निकाला गया। उन्होंने आगे अटल बिहारी वाजपेयी को याद करते हुए कहा, अटल बिहारी वाजपेयी कहते थे कि जीवन को टुकड़ों में नहीं देखा जा सकता है। उसको समग्रता में देखना, यह बात सरकार के लिए भी उतनी ही सत्य है और गुड गवर्नेंस के लिए भी यही उपयुक्त मानदंड है। गौरतलब है कि नागरिकता कानून के खिलाफ कई जगहों पर हिंसक प्रदर्शन हुए हैं। पुलिस कार्रवाई में 18 लोगों की मौत हो गई है।
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