नई दिल्ली, 03 जुलाई, (वीएनआई) वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने कहा बैंकिंग प्रणाली लोगों की अपेक्षा के अनुसार काम करने में नाकाम रही है। बैंक कर्मियों से जिस तरह की थी, वह लोग उस तरह खरे नहीं उतरे पाए।
अरुण जेटली की जगह वित्त मंत्री का कार्यभार देख रहे गोयल ने एक कार्यक्रम में कहा कि सरकार सभी सरकारी बैंकों को पर्याप्त पूंजी की मदद देगी। साथ ही उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि पूर्व में सरकारी बैंकों में राजनीतिक हस्तक्षेप रहा है, लेकिन वर्तमान सरकार में किसी भी मंत्री ने बैंकों के कामकाज में हस्तक्षेप नहीं किया है। गौरतलब है बैंकों के फंसे कर्ज के समाधान के लिए सुनील मेहता समिति की सिफारिशों को स्वीकार किया गया। समिति ने एक परिसंपत्ति प्रबंधन कंपनी गठित करने का सुझाव दिया है। यह 500 करोड़ रुपये तक के डूबे कर्जों के मामलों का समाधान निकालेगी।
पीयूष गोयल ने अग्गेय कहा कि सरकारी बैंकों के नियमन के संबंध में भारतीय रिजर्व बैंक की शक्तियों पर बातचीत के लिए सरकार तैयार है। गौरतलब है कि पंजाब नैशनल बैंक में करीब 13,500 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के बाद सरकारी बैंकों पर कड़ी निगरानी रखने में असफल रहने को लेकर आलोचनाओं का सामना कर रहे रिजर्व बैंक के गर्वनर उर्जित पटेल ने हाल ही में कहा था कि सरकारी बैंकों के नियमन के संबंध में रिजर्व बैंक के पास पर्याप्त अधिकार नहीं हैं।
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