हरिद्वार, 3 मई (वीएनआई)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज हरिद्वार में योगगुरु रामदेव के पतंजली आयुर्वेद के शोध केंद्र का उद्घाटन करते हुए निवारक स्वास्थ्य सेवा के महत्व पर बल देते हुए लोगों से स्वच्छता को अपनाने की अपील की। साथ ही उन्होंने आयुर्वेद जैसी पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों को नजरअंदाज करने को गलत बताया।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, आजादी से पहले के दौर में भारत की आयुर्वेद जैसी स्वदेशी और पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों को नष्ट करने की कोशिश की गई, वहीं आजादी के बाद के दौर में इन्हें नजरअंदाज किया गया। मोदी ने इस बात पर दुख जताया कि इसका लाभ उठाते हुए अन्य देशों ने इन चिकित्सा पद्धतियों से जुड़े पेटेंट हासिल कर लिए। उन्होंने कहा, "दुनिया में अब केवल रोगों के इलाज पर ही जोर नहीं दिया जा रहा, बल्कि निवारक चिकित्सा पर भी जोर दिया जा रहा है।"
मोदी ने आगे कहा, "अगर हम स्वच्छता की शपथ लें, गंदगी और कूड़ा कचरा न फैलाने की शपथ लें तो चिकित्सक जितनी जिंदगियां बचाते हैं, हम उनसे भी ज्यादा जिंदगियां बचा पाएंगे। मोदी ने कहा, हमारे पुरखों ने अभिनव प्रयोग करने और इन प्रयोगों को मानवता की भलाई के लिए इस्तेमाल करने में अपनी जिंदगियां बिता दीं। उन्होंने कहा, हमें उस अभिनव ऊर्जा को भूलना नहीं चाहिए और अपनी पारंपरिक तकनीकों और उपायों के विकास के लिए प्रयास जारी रखने चाहिए। प्रधानमंत्री ने देश और विदेश में योग के प्रति जागरुकता फैलाने के लिए रामदेव की सराहना भी की।