तिरुवनंतपुरम, 7 अगस्त (वीएनआई)| कांग्रेस विधायकों ने आज राज्य में बढ़ती राजनीतिक हिंसा को लेकर केरल विधानसभा की कार्यवाही बाधित की। हाल में हुई राजनीतिक हिंसा में माकपा के साथ ही भाजपा व आरएसएस शामिल रहे हैं।
राज्य में जारी हिंसक झड़पों पर ध्यान दिलाने के लिए कांग्रेस सदस्यों के बैनरों के साथ सदन में पहुंचने पर विधानसभा अध्यक्ष ने प्रश्न काल के बाद सत्र के पहले दिन की कार्यवाही स्थगित कर दी। कांग्रेस के वरिष्ठ सदस्य के.मुरलीधरन ने माकपा व भारतीय जनता पार्टी द्वारा राज्य की शांति को नष्ट किए जाने को लेकर एक स्थगन प्रस्ताव लाए जाने की अनुमति देने की मांग की। मुरलीधरन ने कहा कि दोनों पार्टियों के बीच किसी तरह का समझौता हुआ दिख रहा है। उन्होंने कहा कि राजनीतिक हिंसा से भाजपा को अपनी प्रोफाइल बढ़ाने में मदद मिली है। उन्होंने कहा, भाजपा की राज्य इकाई, जो एक घोटाले के मद्देनजर अपना चेहरा बचाने के प्रयास में जुटी थी, माकपा कार्यकर्ताओं द्वारा उसके कार्यालय में तोड़फोड़ व आरएसएस कार्यकर्ता की हत्या से उसे एक नई जीवनरेखा मिल गई। उन्होंने कहा, राज्यपाल ने अंतत: मुख्यमंत्री पिनरई विजयन को तलब किया।
विजयन ने कहा कि केरल के हालात के बारे में अफवाहें फैलाई जा रही हैं। उन्होंने कहा, हमारे राज्य में अतीत में भी हिंसा हुई है, लेकिन इस बार बेबुनियादी खबरें फैलाई जा रही हैं और इसे एक मकसद के तहत किया जा रहा है। उन्होंने कहा, ध्यान देने वाली बात यह है कि पुलिस ने तेजी से कार्रवाई की है। हमले में शामिल सभी आरोपियों को हिरासत में लिया गया है--इसमें भाजपा कार्यालय पर हमले व आरएसएस कार्यकर्ता की हत्या में शामिल दोनों लोग हैं। मुख्यमंत्री ने देश के बाकी हिस्सों में हुई कुछ घटनाओं का भी जिक्र किया, जहां उनके अनुसार सांप्रदायिक ताकतों ने मुसलमानों की हत्याएं की हैं।
विपक्ष के नेता रमेश चेन्निथला ने इस पर कहा कि यह सुनने में अजीब लगता है कि विजयन मुस्लिमों की हत्या का जिक्र करते हैं, लेकिन अपनी पार्टी द्वारा केरल में की गई हत्या को नजरअंदाज करते हैं। कांग्रेस नेता ने कहा, "क्या आप ने गुजरात में राहुल गांधी पर हुए हमले पर एक शब्द बोला? आप को चीजों को समग्रता से देखना चाहिए, लेकिन आप ऐसा करने में सक्षम नहीं हैं, क्योंकि आप ने सिर्फ एक माकपा नेता की तरह व्यवहार किया।"
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