नई दिल्ली, 11 नवंबर, (वीएनआई) भारत के 51वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में आज जस्टिस संजीव खन्ना ने शपथ ली। उन्होंने जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ का स्थान लिया, जो कि 10 नवंबर को अपने पद से रिटायर हो गए थे।
देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने जस्टिस संजीव खन्ना को पद और गोपनियता की शपथ दिलाई। संजीव खन्ना 13 मई, 2025 तक इस प्रतिष्ठित पद पर बने रहेंगे। भारत के मुख्य न्यायाधीश सहित सुप्रीम कोर्ट में कुल 33 न्यायाधीश हैं। गौरतलब है कि जनवरी 2019 से सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के रूप में कार्यरत न्यायमूर्ति संजीव खन्ना कई ऐतिहासिक फैसलों का हिस्सा रहे हैं, जैसे EVM की पवित्रता को बरकरार रखना, अनुच्छेद 370 को निरस्त करना।
जस्टिस संजीव खन्ना ने साल 1977 में मॉडर्न स्कूल (नई दिल्ली) से अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की। वर्ष 1980 में सेंट स्टीफंस कॉलेज, दिल्ली से स्नातक करने के बाद, उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के विधि संकाय के कैंपस लॉ सेंटर में कानून की पढ़ाई की। संजीव खन्ना ने अपने करियर की शुरुआत 1983 में दिल्ली हाई कोर्ट में वकालत से की। उन्होंने उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय में विभिन्न महत्वपूर्ण मामलों का प्रतिनिधित्व किया। गौरतलब है खन्ना एक कानूनी दिग्गजों के परिवार से संबंध रखते हैं। उनके पिता राज खन्ना 1985 में दिल्ली उच्च न्यायालय से न्यायाधीश के रूप में सेवानिवृत्त हुए थे और उनकी मां सरोज खन्ना दिल्ली के लेडी श्री राम कॉलेज में हिंदी व्याख्याता के रूप में काम कर चुकी हैं। उनके चाचा हंस राज खन्ना थे, जो भारत के सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश थे।
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