नई दिल्ली, 04 अक्टूबर, (वीएनआई) भारत ने तुर्की और मलयेशिया को कश्मीर मुद्दे पर नसीहत देते हुए कहा कि यह पूरी तरह से भारत का आंतरिक मामला है।
विदेश मंत्रालय ने तुर्की को जवाब देते हुए कहा, 'यह पूरी तरह से भारत का आंतरिक मामला है। हम तुर्की की सरकार के साथ कश्मीर मुद्दे पर लेकर विस्तृत चर्चा करेंगे। हम कश्मीर की जमीनी हकीकत उन्हें बताएंगे ताकि वह मामले के बारे में एक निष्पक्ष समझ बना सकें। वहीं मलयेशिया द्वारा संयुक्त राष्ट्र में कश्मीर मुद्दा उठाने पर भारत ने दो-टूक जवाब दिया है कि यह भारत का आंतरिक मुद्दा है। विदेश मंत्रालय ने कहा,'जम्मू-कश्मीर का भारत में विलय वैसे ही हुआ जैसे अन्य रियासतों का हुआ था। पाक ने जबरन घुसपैठ कर अवैध तरीके से कुछ हिस्सों पर अपना कब्जा जमा लिया है। मलयेशिया की सरकार को दोनों देशों के बीच के अच्छे संबंधों को ध्यान में रखना चाहिए और इलस तरह की बयानबाजी से बचना चाहिए। गौरतलब है संयुक्त राष्ट्र में तुर्की और मलयेशिया ने कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान का साथ दिया था और उसी की भाषा में कश्मीर के लिए दिखाई थी हमदर्दी।
विदेश मंत्रालय ने आगे मुंबई हमले के गुनहगार आतंकवादी हाफिज सईद के लिए 'पॉकेटमनी' की इजाजत मांगने पर सख्त प्रतिक्रिया दी है। विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान के इस कदम पर कहा कि यह पड़ोसी देश का दोहरा चरित्र को दिखाता है। मंत्रालय ने आगे पाकिस्तान के प्रधानमंत्री की कश्मीर पर दिए बयानों और जिहाद के ऐलान पर सख्त आलोचना करते हुए बयान में कहा है कि, 'पाकिस्तान के प्रधानमंत्री लोगों से एलओसी की ओर कूच करने का खुला आह्वान कर रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र में भी उन्होंने भड़कानेवाले और गैर-जिम्मेदाराना बयान दिए। हमें ऐसा लगता है कि शायद उन्हें अंतरराष्ट्रीय संबंध कैसे बनाए जाते हैं, अभी तक इसकी जानकारी नहीं है। सबसे गंभीर बात है कि उन्होंने लोगों से भारत के खिलाफ जिहाद का ऐलान किया है और यह सामान्य बात नहीं है।'
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