न्यायाधीश के भरोसे और समझ बूझ ने मुक्केबाज जोशुआ की जिंदगी ही बदल दी-अंधेरे मे खो जाने की बजाय आज वह बना वर्ल्ड बॉक्सिंग सुपर हैवीवेट चैपियन

By Shobhna Jain | Posted on 1st May 2017 | देश
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लंदन,1 मई (वीएनआई) एक न्यायाधीश की दूर दृष्टि,भरोसा और समझ बूझ ने मुक्केबाज एंथनी जोशुआ की जिंदगी ही बदल दी अन्यथा वह अंधेरे मे खो गया होता और अपराधी ्का ठप्पा लिये हुए जिंदगी की पटरी से उतर चुका होता. छह साल पहले नशीले पदार्थो के कारोबार करने के आरोप मे गिरफ्तार हुए ब्रिटेन के 27 साल के एंथनी जोशुआ अब वर्ल्ड बॉक्सिंग सुपर हैवीवेट ्चैंपि्यन बन गये है, उन्होने शनिवार को वेंबली एरीना में यूक्रेन के पूर्व वर्ल्ड चैंपियन 41 साल के व्लादिमिर क्लित्चको को हराकर वर्ल्ड बॉक्सिंग सुपर हैवीवेट खिताब अपने नाम कर लिया.डब्ल्यूबीए बेल्ट अपने नाम करने से पहले जोशुआ ने आईबीएफ वर्ल्ड चैंपियनशिप भी अपने नाम की है दरअसल जोशुआ की ज़िन्दगी मे तब्दीली तब आई जब 6 साल पहले ड्रग डीलिंग के आरोप में गिरफ़्तार जोशुआ के बारे मे जब जज को पता चला कि वो एक बॉक्सर हैं तो उन्होने नरमी बरतते हुए जोशुआ को सज़ा के तौर पर समाज सेवा करने के लिए कहा गया. साथ ही जज ने वादा लिया कि वो दिए गए इस मौक़े को फ़ायदा उठाएंगे.जोशुआ ने इस मौके का पूरा फायदा लिया और कठिन प्रिश्रम के बल पर 2012 लंदन ओलंपिक में सुपर हैविवेट श्रेणी में स्वर्ण पदक विजेता रहे . इसके बाद उ्न्होने जज का भरोसा टूटने नही दिया और लगातार आगे ्बढ्ते चले गये.सन 2016 में अपनी 16वीं फाइट में अमरीका के चार्ल्स मार्टिन को दूसरे राउंड में ही नॉक आउट करके वे दूसरी बार आईबीएफ़ हैवीवेट के विजेता थे बेहद सादगीपसंद जोशुआ दूसरे मुक्केबाज़ों की एशो-आराम से भरी ज़िंदगी औऱ महंगी कारों जैसी चीज़ों से दूर ही रहते हैं और वो आज भी उत्तरी लंदन में अपनी मां के पास वाले एक छोटे से अपार्टमेंट में ्ही रहते हैं.

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