नई दिल्ली, 24 मई, (वीएनआई) लोकसभा चुनाव 2019 का सफलतापूर्वक समापन के बाद दिल्ली हाई कोर्ट ने चुनावों के नतीजे सामने आने के एक ही दिन बाद चुनाव आयोग और केंद्र को एक नोटिस जारी किया है।
दिल्ली हाईकोर्ट में कुछ राजनीतिक दलों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए एक जनहित याचिका दायर की गई थी। याचिका में हाईकोर्ट से गुहार लगाई गई थी कि ऐसे राजनीतिक दलों का पंजीकरण रद्द कर देना चाहिए जो धार्मिक, जातिगत, नस्ल या भाषाई आधार पर पंजीकृत हैं। याचिका में यह भी कहा था कि ऐसे दलों को तीन महीने का समय दिया जाना चाहिए। अगर वे तब भी अपने में सुधार नहीं करते तो उनका पंजीकरण रद्द कर दिया जाए।
भाजपा नेता अश्विनी कुमार उपाध्याय द्वारा दायर की गई याचिका में तर्क दिया गया है कि धर्मों से जुड़े नाम का इस्तेमाल करने या राष्ट्रीय ध्वज जैसे प्रतीकों का उपयोग उम्मीदवार की संभावनाओं को प्रभावित कर सकता है और यह जनप्रतिनिधित्व कानून 1951 के तहत भ्रष्ट गतिविधि के समान है। इसलिए याचिका में जो मांग की गई है वह कदम उठाने से स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित किये जा सकेंगे।गौरतलब है लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में लगातार दूसरी बार राजग गठबंधन की सरकार बनने का रास्ता साफ हो गया है।
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