डेयरी उत्पादक किसान अब दूध को खराब होने से बचा पायेंगे

By Shobhna Jain | Posted on 13th Jun 2019 | देश
altimg

वाशिंगटन, 13 जून (वीएनआई/स्पैन) अमेरिका की एक स्टार्ट-अप कंपनी ने  डेयरी किसानों के लिए ताप ऊर्जा पर आधारित एक ऐसी तकनीक विकसित की है जो बहुत तेजी से दूध को तुरंत ठंडा कर देती है, जिस से दूध खराब नही होता हैं.

भारत के अधिकतर गांवों में  डेयरी किसान दूध दुहने के बाद  उसे बाजार  ले  जाते है। लेकिन भारत जैसे ऊष्णकटिबंधीय देश में दूध का खराब हो जाना एक बड़ी समस्या है और रोजाना उसका कुछ हिस्सा खराब होता ही है।अमरीका की समरविल, मेसाच्यूसेट्स स्थित प्रोमेथियन पॉवर सिस्टम्स कंपनी  ने एक ऐसी नवीन तकनीक लेकर आई है जिसके चलते इस उपमहाद्वीप में डेयरी उत्पादन के स्वरूप में काफी हद तक बदलाव आ गया है.

 वर्ष 2013 से भारत में अग्रणी डेयरी प्रतिष्ठान अपने यहां प्रोमेथियन पॉवर सिस्टम्स के रैपिड मिल्क चिलर को स्थापित करवा रहे हैं जिसमें कुछ ही मिनटों में तरल पदार्थ का तापमान 35 डिग्री सेल्सियस से घट कर 4 डिग्री सेल्सियस हो जाता है। तेजी के साथ ठंडा करने की इस प्रक्रिया से दूध खराब होने से बच जाता है साथ ही उसकी उच्च गुणववत्ता भी बनी रहती है। इसकी सबसे खास बात तो यह है कि इस शीतलन प्रक्रिया में एक भी बूंद डीजल का इस्तेमाल नहीं किया जाता। प्रोमेथियन की तीव्र और पारंपरिक शीतलन प्रक्रिया तापीय ऊर्जा पर आधारित है।
आमतौर पर डेयरी प्रतिष्ठानों द्वारा खरीदे जाने वाले इस रैपिड मिल्क चिलर को गांवों में ही स्थापित किया जाता है। किसान दूध निकालने के बाद उसे एकत्र करने के स्थान तक ले जाने से पहले शीतल करने के लिए यहां लाते हैं क्योंकि कई बार दूध को वहां तक पहुंचने में घंटों लग जाते हैं और उसके खराब होने की आशंका बढ़ जाती है।
 
अब तक हर गांव में दूध को ठंडा रखने के लिए कूलर लगाना काफी खर्चीला होने के कारण यह संभव नहीं था। बिजली की बाधित सप्लाई से यह काम और मुश्किल भरा हो गया क्योंकि उसके लिए पावर बैक अप के रूप में डीजल से चलने वाला जनरेटर भी चाहिए था। यह काम खर्चीला होने के साथ प्रदूषण फैलाने वाला भी था। लेकिन यह नया सिस्टम रोजाना सिर्फ चार घंटे की बिजली सप्लाई पर काम करता है। 

इस प्रोमेथियन तकनीक में नई बात यह है कि इसमें एक खास तरह का थर्मल स्टोरेज सिस्टम है- एक बंद गोल कंटेनर जिसकी उंचाई एक मीटर से थोड़ा ज्यादा और चौड़ाई भी लगभग एक मीटर है। इसमें पानी के एक सॉल्यूशन का भंडारण किया गया है जो कि त्वरित शीतलन प्रक्रिया के लिए एक बैटरी की तरह से काम करता है। पानी के इस विशेष सॉल्यूशन को यूएस नेशनल साइंस फाउंडेशन और फंड  उपलब्ध कराने वाली दूसरी संस्थाओं के सहयोग से तैयार किया गया है और इसमें आम पानी से अलग हट कर शीतलता को देर तक रोके रखने की क्षमता है
ठंडा पानी धीरे-धीरे इस कंटेनर के निचले हिस्से में एकत्र होता है और वह इस कूलर के जैकेट से होकर गुजरता है जिससे कंटेनर में रखे दूध का तापमान तेजी के साथ घट जाता है।

प्रोमेथियन के मुख्य कार्यकारी अधिकारी जितेन घेलानी के अनुसार, ‘‘बहुत-से इलाकों में जहां हमने सिस्टम को स्थापित किया है वहां दूध का उत्पादन 50 फीसदी या उससे भी अधिक  बढ़ गया है, क्योंकि किसानों में इस बात का भरोसा बढ़ चला है कि वे जिस दूध का उत्पादन कर रहे हैं, वह बाजार तक पहुंच पाएगा।’’  उन्होंने बताया कि  तेजी से ठंडा होने वाले इस दूध की उच्च गुणवत्ता के कारण कुछ डेयरियों ने अधिक कीमत वाले उत्पाद बनाना शुरु किए हैं, जैसे कि तमाम तरह की चीज़ और अल्ट्रा हाई टेंपरेचर (यूटीएच) दूध जिसे 6 से 9 महीनों तक इस्तेमाल में लाया जा सकता है।

हालांकि वर्ष 2007 में जब प्रोमेथियन की स्थापना की गई थी तब उसका काम सौर ऊर्जा से चलने वाले एक लघु जनरेटर के लिए बाजार की तलाश करना था। यह जनरेटर सूर्य की गर्मी से भाप पैदा करके उससे ईंधन का काम लेता था। कंपनी ने अब तक 1,000 से ज्यादा मिल्क चिलिंग इकाइयों को डॉलर 10,000 (करीब 6.9 लाख रुपए) प्रति इकाई के हिसाब से 20 से ज्यादा ग्राहकों को बेचा है। इनमें मदर डेयरी, अमूल और हैटसन एग्रो जैसी अधिकतर दूध उद्यम कंपनियां शामिल हैं।

प्रोमेथियन अब कुछ नए उत्पाद विकसित करने के काम जुटा है जिनमें फलों और सब्जियों के लिए कूलर भी शामिल है। घेलानी  के अनुसार ‘‘वे इस उम्मीद से आगे बढ रहे हैं कि भारत जैसे देश के ग्रामीण बाजारों के लिए कैसे तकनीक और उत्पादों में बढ़ोतरी कर सकते हैं’’ लेखक-बर्टन बोलाग


Leave a Comment:
Name*
Email*
City*
Comment*
Captcha*     8 + 4 =

No comments found. Be a first comment here!

ताजा खबरें

Quote of the Day
Posted on 14th Nov 2024

Connect with Social

प्रचलित खबरें

© 2020 VNI News. All Rights Reserved. Designed & Developed by protocom india